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Success Story: 8 साल पहले कर दी गई थी पिता की हत्या, अब बेटी ने पास की UPPCS परीक्षा, DySP बनेंगी आयुषी

आयुषी सिंह ने UPPSC PCS 2022 में 62 रैंक हासिल किया है. इनके पिता चाहते थे कि वह बड़ी होकर अफसर बने. अपने पिता के इस सपने को आयुषी ने पूरा कर दिया है. जब आयुषी कक्षा 11वीं में थी तब उनके पिता की हत्या भरे कोर्ट में कर दी गई थी. जिसके बाद उन्होंने ठान लिया था कि वह अपने पिता का ये सपना पूरा करके ही रहेगी और वह दिन आज आ गया है. आइये जानते हैं आयुषी की डीएसपी बनने तक की कहानी.

Ayushi Singh Ayushi Singh

उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद की आयुषी सिंह ने UPPSC PCS 2022 में 62 रैंक प्राप्त किया है. जिसके बाद पूरा शहर ही नहीं बल्कि पूरे देश में उनके चर्चा में हैं, उनकी कहानी कुछ ऐसी है उनके पिता चाहते थे कि उनकी बेटी अधिकारी बने लेकिन वह यह देखते उससे पहले ही 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान उनकी हत्या कर दी गई थी आज उनकी बेटी ने उनका सपना पूरा कर दिया है और वह UPPSC 2022 की परीक्षा क्लियर कर डिप्टी एसपी पद के लिए चुनी गई है.

मुरादाबाद के आशियाना कॉलोनी की रहने वाली आयुषी सिंह ने यूपीपीएसीसी 2022 में 62वीं रैंक प्राप्त की है. उन्होंने दिल्ली में इसके लिए कोचिंग की और इसके साथ ही वह रोजाना 6-7 घंटे की पढ़ाई करते हुए अपने दूसरे अटेम्प्ट में यूपीपीएससी क्लियर कर लिया. आयुषी का लक्ष्य डीएसपी नहीं बल्कि आईपीएस बनना है, यह उनके पिता योगेंद्र सिंह का भी सपना था जिनकी हत्या 8 साल पहले यानी 2015 में कोर्ट में पेशी के दौरान हो गई थी. तब वह कक्षा 11वीं में थी उसके बाद से उन्होंने पूरी तरीके से ठान लिया था कि अब उन्हें  अधिकारी ही बनना है. फिलहाल उनके परिवार में उनकी मां पूनम सिंह और उनका भाई है. 

कोर्ट में पेशी के दौरान हुई थी पिता की हत्या 
मुरादाबाद में स्थित जेल में बंद योगेंद्र सिंह और बुरा शूटर रिंकू मर्डर केस में बंद थे. 2015 में वह कोर्ट में पेशी पर लाए गए थे जहां पर उनको रिंकू के भाई सुमित ने गोली मारकर हत्या कर दी थी, वहीं से सुमित फरार हो गया था.

इस स्ट्रेटर्जी से की तैयारी
आयुषी सिंह ने मेंस पर फोकस करते हुए तैयारी शुरू की थी. जिसके लिए उन्होंने किताबों का सहारा लिया. मेंस निकलने के बाद उन्होंने प्रीलिम्स की परीक्षा से तीन महीने पहले से ही स्ट्रेटजी बनाकर तैयारी शुरू कर दिया था. जिसका कारण दूसरे अटेम्प्ट में UPPSC क्लियर हो गया. आयुषी ने बताया कि इससे पहले वह 3 नंबर की वजह से प्रीलिम्स क्वालीफाई नहीं कर पाई थी. लेकिन इस बार  UPPSC 2022 में 62 रैंक प्राप्त किया है. यह उनका पहला मेंस और पहला ही इंटरव्यू था. 

अपनी मां के साथ आयुषी सिंह
अपनी मां के साथ आयुषी सिंह

ग्रेजुएशन से ही शुरू कर दी थी तैयारी 
आयुषी सिंह ने बताया कि उनके पिता चाहते थे कि वह एडमिनिस्ट्रेशन वाली नौकरी करें. जिसके लिए उनकी 12वीं तक की पढ़ाई साइंस स्ट्रीम से हुई और ग्रेजुएशन आर्ट्स के किया, ताकि वह अपने पापा के सपने को पूरा कर सकें. UPPSC की थोड़ी-थोड़ी तैयारी उन्होंने ग्रेजुएशन से ही शुरू कर दिया था, लेकिन पोस्ट ग्रेजुएशन से उन्होंने पूरी तरह से तैयारी शुरू कर दिया था. इसी बीच उन्होंने जून 2020 में UGC NET भी क्वालीफाई किया. 

भाई को दिया इसका क्रेडिट
आयुषी सिंह ने UPPSC 2022 में 62 रैंक लाने का क्रेडिट पहले अपने पूरे परिवार और भाई को दिया. इसके साथ ही उन्होंने टेस्ट वर्ल्ड इंस्टिट्यूट को भी क्रेडिट दिया. उन्होंने कहा कि वहां पर पढ़ाने वाले रोहित सर उनकी बहुत मदद की. उन्हें पूरा भरोसा था की आयुषी परीक्षा में अच्छे रैंक लेकर आएगी. 

पिता की हत्या होने के बाद आयुषी सिंह ने ठान लिया था अधिकारी ही बनना है ताकि दोबारा ऐसी घटनाएं न हो. दरअसल 2015 में आयुषी के पिता की डेथ हुई थी. उस समय वह कक्षा 11वीं में थी. उन्होंने बताया कि पूरे पुलिस विभाग एडमिनिस्ट्रेशन के सामने उनके पिता की हत्या हुई थी. जिसे वह कोर्ट में तो पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन का बहुत बड़ा फेलियर के रूप में देखती हैं. इसलिए वह पुलिस एडमिनिस्ट्रेशन में आगे जाकर अपना योगदान देना चाहती हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों. 

बधाई देने वालों का लगा तांता
बधाई देने वालों का लगा तांता

एस्पिरेंट को दिया ये संदेश
आयुषी सिंह ने सिविल सर्विसेज की तैयारी करने वाले दूसरे एस्पिरेंट को सलाह देते हुए कहा कि इसकी तैयारी करने के लिए पूरी तरह से मेंटली प्रिपेयर होकर आना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि जिनका इस बार क्लियर नहीं हुआ है  सिविल सर्विसेज की जर्नी है बहुत ही अप डाउन की होती है. इसकी तैयारी करने के लिए बहुत पेशेंस की जरूरत होती है. इसके साथ ही बताया कि सिविल सर्विसेज की तैयारी करने के लिए  ग्रेजुएशन के साथ अपना बेस क्लियर कीजिए और प्रिपरेशन में लग जाए. इसकी तैयारी के दौरान अगर एक बैकअप रहता है तो कॉन्फिडेंस बना रहता है. इससे परीक्षा की तारीख नजदीक आने पर आप घबराएंगे नहीं और तैयारी भी अच्छी तरह से होगी. 

क्लियर ना होने पर बच्चे हो जाते हैं डिप्रेशन के शिकार उससे कैसे बचे
लाइफ के अपने रूल्स हैं लाइफ में हर किसी के लिए कुछ ना कुछ अलग है. आजकल सोसाइटी का प्रेशर कितना बढ़ गया है. मुझे लगता है सिविल सर्विस ही सब कुछ है, ऐसा नहीं है. डायवर्ट एडवांस पर और डायवर्स सोसाइटी है इतना स्टार्टअप का स्कोप है हार नहीं माननी चाहिए अल्टीमेटली खुशी मैटर करती है .

भाई कर रहे IIT दिल्ली से एमटेक
आयुषी के घर में उनके दादा-दादी, मां और उनका भाई है. जो फिलहाल आईआईटी दिल्ली से एमटेक कर रहे हैं. जिन्होंने आरुषि का उनकी इस जर्नी में बहुत साथ दिया है.