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UPSC मैरिट में नाम नहीं आया? अब आपका सपना नहीं टूटेगा! PM मोदी ने लॉन्च किया ‘प्रतिभा सेतु’, बदल जाएगी लाखों युवाओं की जिंदगी

UPSC Pratibha Setu portal: यह कदम सिर्फ एक डिजिटल इनिशिएटिव नहीं है, बल्कि लाखों युवाओं के सपनों को नया पंख देने वाली सोच है. ‘प्रतिभा सेतु’ उन अभ्यर्थियों के लिए नई राह और नया विश्वास लेकर आया है, जो अब तक अपनी मेहनत के बावजूद सिस्टम में अनदेखे रह जाते थे. अब UPSC में असफलता का मतलब करियर का अंत नहीं होगा. बल्कि यह एक नई शुरुआत होगी- सरकार से लेकर निजी कंपनियों तक में सुनहरे अवसरों के साथ.

UPSC Pratibha Setu portal UPSC Pratibha Setu portal

सिविल सर्विसेज (UPSC) की परीक्षा... देश की सबसे कठिन परीक्षाओं में से एक! हर साल लाखों युवा इस सपने के साथ बैठते हैं कि उनका नाम IAS, IPS या IFS की सूची में आएगा. लेकिन सच तो यह है कि हजारों मेहनती अभ्यर्थी, आखिरी चरण यानी इंटरव्यू तक पहुंचकर भी अंतिम मेरिट लिस्ट से बाहर हो जाते हैं. अब तक उनकी मेहनत मानो अधूरी रह जाती थी.

लेकिन इस बार तस्वीर बदल रही है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मन की बात के 125वें एपिसोड में एक ऐतिहासिक घोषणा करते हुए ऐसे युवाओं के लिए नई उम्मीद जगा दी है. पीएम मोदी ने लॉन्च किया है एक डिजिटल प्लेटफॉर्म- ‘प्रतिभा सेतु’ (Pratibha Setu) जो UPSC में अंतिम सूची से बाहर रह गए उम्मीदवारों के लिए सुनहरा मौका लेकर आया है.

क्या है ‘प्रतिभा सेतु’?

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, “UPSC की कहानियां हम सबको प्रेरित करती हैं, लेकिन एक सच्चाई यह भी है कि कई टैलेंटेड युवा आखिरी लिस्ट में जगह नहीं बना पाते. उनकी मेहनत और प्रतिभा व्यर्थ नहीं जानी चाहिए.”

इसी सोच के साथ प्रतिभा सेतु की शुरुआत हुई है. इस प्लेटफॉर्म पर ऐसे सभी अभ्यर्थियों का डाटा मौजूद रहेगा, जिन्होंने UPSC की प्री, मेंस और इंटरव्यू तक क्लियर किया, लेकिन अंतिम लिस्ट में नाम नहीं आया.

यहां करीब 10,000 से ज़्यादा उम्मीदवारों का पूरा बायोडाटा होगा. न सिर्फ IAS, बल्कि UPSC की अन्य परीक्षाएं भी इसमें शामिल होंगी- इंजीनियरिंग सर्विसेज, फॉरेस्ट सर्विसेज, CAPF, जियो-साइंटिस्ट, CDS, मेडिकल सर्विसेज और IES/ISS.

यानी, अगर आप टॉपर नहीं भी बने हैं तो भी आपकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी.

कैसे काम करता है यह प्लेटफॉर्म?

  • सबसे पहले, केंद्रीय मंत्रालय, PSUs, ऑटोनॉमस बॉडीज और प्राइवेट कंपनियां इस पोर्टल पर खुद को रजिस्टर करेंगी.
  • वेरिफिकेशन के बाद, उन्हें लॉगिन क्रेडेंशियल्स मिलेंगे.
  • इसके बाद वे उन उम्मीदवारों का पूरा डाटा देख पाएंगे, जिन्होंने खुद को “ऑप्ट-इन” किया है.
  • कंपनियां सीधे इनसे संपर्क करके नौकरी ऑफर कर सकती हैं.
  • यानी यह सिर्फ एक जॉब पोर्टल नहीं, बल्कि कड़ी मेहनत और असफलता के बीच का पुल (सेतु) है.

क्यों है यह गेम-चेंजर?

  1. हर साल हजारों युवा इंटरव्यू तक पहुंचते हैं लेकिन अंतिम सूची से बाहर हो जाते हैं. उनकी मेहनत को अब कंपनियां पहचान सकेंगी.
  2. यह प्लेटफॉर्म इन युवाओं के लिए सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों के दरवाज़े खोलेगा.
  3. ग्रीन गोल्ड की तरह ही अब यह टैलेंट भी देश के विकास में इस्तेमाल होगा.
  4. इससे देश को ऐसे टैलेंटेड लोग मिलेंगे, जिन्होंने कठिन से कठिन परिस्थितियों में अपनी योग्यता साबित की है.

यह कदम सिर्फ एक डिजिटल इनिशिएटिव नहीं है, बल्कि लाखों युवाओं के सपनों को नया पंख देने वाली सोच है. पीएम मोदी का यह ‘प्रतिभा सेतु’ उन अभ्यर्थियों के लिए नई राह और नया विश्वास लेकर आया है, जो अब तक अपनी मेहनत के बावजूद सिस्टम में अनदेखे रह जाते थे.

सीधी बात यह है कि अब UPSC में असफलता का मतलब करियर का अंत नहीं होगा. बल्कि यह एक नई शुरुआत होगी- सरकार से लेकर निजी कंपनियों तक में सुनहरे अवसरों के साथ.

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