
आईआईटी कानपुर ने जेईई एडवांस 2025 के परीक्षा का परिणाम घोषित कर दिया गया है. इस बार आईआईटी दिल्ली जोन के रजित गुप्ता ने टॉप किया है. रजित ने 360 में से 332 अंक हासिल किए हैं. जेईई की परीक्षा अपने आप में एक कठिन करियर चुनाव है. इसकी कई लेवल पर परीक्षा होती है. कई लोग सोचते है कि सिर्फ जेईई मेनस के बाद जेईई एडवांस क्लियर कर लेने मात्र से आपको इंडियन इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलजी के किसी भी कॉलेज में एडमिशन मिल जाएगा तो आपको बता दें जेईई की परीक्षा कई लेवल पर होती है. अगर आप दोनो एग्जाम को पास कर लेते हैं तो आपको JoSAA काउंसलिंग से गुजरना पड़ता है.
क्या है JoSAA काउंसलिंग-
JEE परीक्षा पास करने वाले छात्रों को JoSAA काउंसलिंग के पड़ाव से गुजरना होता है, जो 3 जून 2025 से शुरू हो रही है. JOSAA का मतलब 'ज्वाइंट सीट अलॉटमेंट अथॉरिटी' होता है. यह एक सरकारी संस्था है, जो मेंस और एडवांस्ड की परीक्षा के आधार बच्चों की काउंसलिंग करती है. फिर रैंक के आधार पर तय करती है कि किस स्टूडेंट को कौन सा कॉलेज मिलना चाहिए. जिस स्टूडेंट का रैंक सब से ज्यादा होता है, उसको भारत के सबसे अच्छे आईआईटी कॉलेज में पढ़ने का मौका मिलता है. जिसका जैसा रैंक होता है, उसको वैसा कॉलेज अलॉट किया जाता है.
इन कॉलेजों में मिलती है सीट-
JoSAA काउंसलिंग के जरिए देश भर में करीब 100 से ज्यादा सरकारी संस्थानों में छात्रों को सीट अलॉट की जाती हैं. इसमें भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान(IITs), राष्ट्रीए प्रौद्योगिकी संस्थान(NITs), भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान(IIITs) और दूसरे सरकारी तकनीकी संस्थान(GFTIs) शामिल हैं.
कैसे होती है काउंसलिंग-
हर साल JEE एडवांस्ड के नतीजे आने के बाद JoSAA काउंसलिंग की शुरुआत होती है. इसके लिए छात्रों को आवेदन करना होता है. चलिए आपको पूरा प्रोसेस बताते हैं.
JoSAA काउंसलिंग एक फेयर प्रोसेस है, जो छात्रों को उनके रैंक के हिसाब से उन्हें अच्छा कॉलेज और कोर्स दिलाने में मदद करता है. आपको बता दें कि JEE Main पास छात्र एनआईटी, आईआईआईटी और जीएफटीआई संस्थानों में दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं. जबकि JEE Advanced पास छात्र IITs में दाखिले के लिए आवेदन कर सकते हैं.
(ये स्टोरी अमृता सिन्हा ने लिखी है. अमृता जीएनटी डिजिटल में बतौर इंटर्न काम करती हैं.)
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