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Good News: बिना किसी कोचिंग, सिर्फ यूट्यूब से पढ़कर इस युवक ने हासिल की दो रेलवे जॉब्स

प्रकाशम जिले के पोसुपल्ली गांव के रहने वाले 27 साल के बोन्था तिरुपति रेड्डी केवल यूट्यूब से पढ़ाई करके दो गवर्मेंट एग्जाम क्लीयर किए हैं. दरअसल बोन्था के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं थी, जिस कारण उन्हें बिना कोई कोचिंग किए यूट्यूब से पढ़ाई करनी पड़ी.

बिना किसी कोचिंग, सिर्फ यूट्यूब से बढ़कर युवक ने हासिल की दो रेलवे जॉब्स (प्रतीकात्मक तस्वीर) बिना किसी कोचिंग, सिर्फ यूट्यूब से बढ़कर युवक ने हासिल की दो रेलवे जॉब्स (प्रतीकात्मक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • पढ़ाई के साथ पिता की भी की मदद

  • पढ़ाई के साथ की खेती

अगर आप में कुछ नया करने की चाह हो तो दुनिया की कोई भी ताकत आपको रोक नहीं सकती है. कुछ ऐसी ही कहानी है बोन्था तिरुपति रेड्डी की. 27 साल के बोन्था ने बेहद कम संसाधनों के साथ कुछ ऐसा किया जो, हर किसी के बस की बात नहीं है. दरअसल बोन्था को सरकारी नौकरी करनी थी, लेकिन उनके परिवार के पास इतने पैसे नहीं थे, कि वो इसके लिए कोई कोचिंग कर सकें. प्रकाशम जिले के पोसुपल्ली गांव के बोन्था ने बिना किसी स्पेशल कोचिंग क्लास में भाग लिए रेलवे में दो नौकरियां हासिल की हैं.

यूट्यूब से की सरकारी एग्जाम की तैयारी
जिस सरकारी नौकरी को पाने के लिए लोग तमाम तरह की कोचिंग पर पैसे खर्च करते हैं, उसे पाने के लिए कई सारे अलग-अलग तरह के टीचर्स से पढ़ते हैं. बोन्था ने केवल YouTube के जरिए पढ़ाई करके रेलवे के दो एग्जाम क्रैक किए. दरअसल बोन्था के परिवार की आर्थिक स्थिति बिलकुल भी ठीक नहीं था. जिस कारण उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वो बोन्था की किसी महंगी कोचिंग में पढ़ा सकें. उन्होंने यूट्यूब पर अलग-अलग चैनलों के माध्यम से सामान्य ज्ञान (जीके), रीजनिंग और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आवश्यक अन्य विषयों पर वीडियो देखे, और अपना पूरा सिलेबस तैयार किया.

पढ़ाई के साथ पिता की भी की मदद
विज्ञान (गणित, भौतिकी, कंप्यूटर विज्ञान) में स्नातक पूरा करने के बाद, बोन्था ने आरआरबी परीक्षा की तैयारी शुरू कर दी. उन्हें दक्षिण पश्चिम रेलवे (SWR) -बेंगलुरु डिवीजन में ग्रेड -4 सहायक और एक वाणिज्यिक सह टिकट क्लर्क (CCTC) दोनों नौकरियां मिली. बोन्था का कहना है कि, "मैं इस महीने के अंत तक नियुक्ति पत्र की उम्मीद कर रहा हूं." इकलौता बेटा होने के नाते, तिरुपति को यह भी सुनिश्चित करना था कि वह अपने पिता बी चिन्ना कोंडा रेड्डी की उनके कृषि क्षेत्र में नियमित रूप से मदद करें. उसकी दो बहनें हैं, जिनकी कुछ साल पहले शादी हुई थी.

पढ़ाई के साथ की खेती
“मैं कोचिंग नहीं जाना चाहता था क्योंकि मेरे परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है. साथ ही, मैं नहीं चाहता था कि मेरे पिता कृषि के सारे काम अकेले करें. इसलिए, मैंने अपने गांव में अपने परिवार के साथ रहने और परीक्षा की तैयारी करने का फैसला किया." बोन्था बचपन से ही पढ़ने में काफी अच्छे थे. उन्होंने किसी प्रोफेशनल की तरह खेती और पढ़ाई के बीच काफी अच्छा संतुलन बनाए रखा. घर में उचित बुनियादी ढांचे की कमी के कारण, वह अपनी किताबें अपने खेत के पास स्थित शिवालयम में रखते हैं। उन्होंने कहा, "मंदिर मेरा स्टडी कॉर्नर भी रहा है क्योंकि वहां मोबाइल नेटवर्क अच्छा है."

दूसरे अटेम्प्ट में क्लियर किया एग्जाम
तिरुपति ने कहा, "मैंने पहली बार 2019 में आरआरबी परीक्षा के लिए आवेदन किया था. अपने दूसरे प्रयास में, मुझे एसडब्ल्यूआर-बैंगलोर में ग्रेड-4 सहायक के रूप में नौकरी मिली. 'wifistudy' नाम के एक YouTube चैनल ने मुझे ज़्यादातर कोचिंग में मदद की. साहिल सर, दीपक सर और नीरज सर ने गणित, रीजनिंग और जीके के साथ मेरी मदद की."

10-12 घंटे की पढ़ाई
अपनी दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा, "मैं 10-12 घंटे पढ़ाई करता था, शाम 7 से 11 बजे तक यूट्यूब पर पढ़ाई करता था और अपने नोट्स तैयार करता था." अपनी नौकरी में शामिल होने के बाद, उन्होंने कहा कि वह ग्रामीण और गरीब परिवार की पृष्ठभूमि से आने वाले अन्य युवाओं के उत्थान की दिशा में काम करेंगे.