Tinker on Wheels Van
Tinker on Wheels Van ओडिशा के इंजीनियर और यंग टिंकर फाउंडेशन के को-फाउंडर अनिल प्रधान ने टो शुरू किया है. टो का मतलब टिंकर ऑन व्हील्स है. इसकी मदद से बच्चों को नए-नए वैज्ञानिक प्रयोग करने की प्रेरणा मिलती है. इसे 4 शहरों दिल्ली, भुवनेश्वर, हैदराबाद और सोनभद्र में शुरू की गई है. एक टो वैन की कीमत 20 लाख रुपए है.
क्या है टो वैन-
टो यानी टिंकर ऑन व्हील्स एक छोटी वैन है, जिसमें वैज्ञानिक प्रयोगों के बहुत सारे टूल्स हैं. ये स्कूलों में जाकर बच्चों को नए-नए वैज्ञानिक प्रयोगों के लिए प्रेरित करती है. इसकी शुरुआत अनिल प्रधान ने की है. उन्होंने पिछले साल अगस्त में 4 शहरों में इसकी शुरुआत की थी. इसमें दिल्ली, भुवनेश्वर, हैदराबाद और सोनभद्र शामिल है.
टो वैन का कमाल-
दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक यह वैन जिस स्कूल में जाती है, वहां 5 हफ्ते तक एक-एक दिन जाती है. जिस स्कूल में ये वैन जाती है, वहां बच्चों की उपस्थिति बढ़ जाती है. इस वैन की प्रेरणा से बच्चे अपना आइडिया जनरेट करने लगते हैं. 5 हफ्ते में 80 फीसदी बच्चे अपना आइडिया कागज पर लिखने लगते हैं. बच्चे अपने आपसपास की समस्याएं और उनका समाधान भी ढूंढने लगे.
बांस से बनाया रॉकेट-
टिंकर ऑन व्हील्स का फायदा ओडिशा के बालेश्वर जिले के सोरो में दिखा, जहां स्कूल के बच्चों ने बांस से रॉकेट बनाकर सैटेलाइट लॉन्च किया. इसके लिए बच्चों ने छाता बनाने के सामान से पैराशूट बनाया. इस सैटेलाइट की मदद से बच्चों ने हवा की गति, दिशा, तापमान और आर्द्रता का पता लगाया.
वैन तैयार करने में 20 लाख खर्च-
रिपोर्ट के मुताबिक अनिल प्रधान बताते हैं कि एक टो वैन बनाने में 20 लाख रुपए तक खर्च होते हैं. इसमें 3डी प्रिंटर, माइक्रो कंट्रोलर, इनवर्टर, 10 लैपटॉप, हैंड टूल्स, साइंस किट जैसे उपकरण होते हैं. इनकी मदद से बच्चे नई चीजें बनाते हैं. इस वैन को इस तरह से तैयार किया गया है, ताकि ये गलियों में भी जा सके.
टो वैन के लिए फीस नहीं देते सरकारी स्कूल-
एनजीओ का कहना है कि टो वैन सरकारी स्कूल में फ्री में जाती है, जबकि प्राइवेट स्कूल में फीस देकर टो वैन ले जा सकते हैं. अब तक सरकारी और प्राइवेट स्कूल के 20 हजार बच्चे टो वैन के हिस्सा बने हैं.
जब टो वैन स्कूल पहुंचती है तो बच्चे ही इसे खोलते हैं. इसके बाद बच्चे की टीम बनाई जाती है, जो ये तय करते हैं कि इससे क्या करना है. अपना प्रोजेक्ट पूरा करने के बाद टो वैन अगले पड़ाव की तरफ चल पड़ती है.
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