महानगरों की भागदौड़ भरी जिंदगी में समाज के लिए कुछ करना प्रेरणा देता है. दिल्ली से सटे नोएडा में रहने वाले प्रिंस ऐसे ही लोगों में से एक हैं जो शिक्षा के जरिए गरीब बच्चों को आगे बढ़ने की नई उम्मीद दे रहे हैं. ना बिल्डिंग है, ना कमरे हैं और ना ही बैठने के लिए टेबल कुर्सी है, बस सड़क का किनारा है और डिवाइडर का सहारा है. इन बच्चों की आँखों में बड़ी उम्मीदें हैं क्योंकि 'चैलेंजर्स पाठशाला' के जरिए उन्हें जिंदगी में आगे बढ़ने का भरोसा मिल रहा है. यह पाठशाला 2017 में सुकमा में हुए नक्सली हमले से जुड़ी एक कहानी से प्रेरित है, जिसमें 24 से ज्यादा जवान शहीद हुए थे. इस हमले को देखकर नोएडा में बैठे 18 साल के युवा प्रिंस ने प्रतिज्ञा ली कि वो इन शहीदों का बलिदान बेकार नहीं जाने देंगे और कुछ ऐसा करेंगे कि वो खुद बहुत सारे सैनिक तैयार कर पाएं.