
बिहार विधानसभा चुनाव में सिर्फ कुछ ही महीने बचे हैं. इस बीच बिहार एनडीए के खेमे से एक बड़ी खबर आ रही है. खबर है कि एनडीए के घटक दलों में सीटों के बंटवारे को लेकर फॉर्मूला तैयार हो गया है. लेकिन अभी इसका ऐलान नहीं होगा. विधानसभा चुनाव की तारीखों ऐलान के बाद सीटों के बंटवारे को लेकर घोषणा की जाएगी.
NDA में सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार-
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए ने सीट बंटवारे का फॉर्मूला तैयार कर लिया है. सीटों को लेकर बीजेपी समेत सहयोगी दलों में सहमति बन गई है. बीजेपी, जेडीयू, एलजेपी सीटों को लेकर सहमत हो गए हैं. हालांकि अंतिम निर्णय के लिए बड़े नेताओं की बैठक होनी बाकी है. विधानसभा चुनाव के लिए तारीखों के ऐलान के बाद एनडीए में सीटों के बंटवारे का ऐलान कर दिया जाएगा. आपको बता दें कि सितंबर के अंतिम सप्ताह या अक्टूबर के पहले हफ्ते में चुनाव का ऐलान हो जाएगा.
साल 2020 चुनाव के हिसाब से बंटवारा-
बिहार एनडीए में पिछले विधानसभा चुनाव के हिसाब से सीटों का बंटवारा होगा. साल 2020 में बीजेपी ने 110 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. जबकि जनता दल यूनाइटेड ने 115 सीटों पर प्रत्याशी उतारे थे. हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (सेक्युलर) ने 7 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. जबकि विकासशील इंसाफ पार्टी (VIP) को गठबंधन में 13 सीटें मिली थीं.
चिराग पासवान एनडीए के अहम सहयोगी-
इस बार एनडीए को चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी (राम विलास) को एडजस्ट करना होगा. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान 40 प्लस सीटों की मांग कर रहे हैं. बीजेपी सूत्रों का मानना है कि पासवान के लिए ज्यादा सीटें मांगना राजनीतिक मजबूरी है, क्योंकि उन्हें अपने समर्थकों का हौसला बना कर रखना है. सूत्रों के मुताबिक चिराग पासवान गठबंधन के लिए ज़रूरी हैं और सीट बंटवारे में उनकी भावनाओं का ध्यान रखा जाएगा. हालाँकि जेडीयू चिराग को बीस से अधिक सीटें देने के पक्ष में नहीं है. गौरतलब है कि नीतीश और पहले रामविलास पासवान और चिराग पासवान के बीच खट्टे-मीठे रिश्ते रहे हैं.
आपको बता दें कि साल 2020 विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान ने अलग चुनाव लड़ा था. पार्टी ने 115 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे. लेकिन सिर्फ एक सीट पर जीत मिली थी.
नीतीश की अगुवाई में ही चुनाव-
इधर बीजेपी और जेडीयू के बीच यह सहमति है कि दोनों ही दल सौ-सौ से अधिक सीटों पर चुनाव लड़ेंगे. लेकिन जेडीयू बीजेपी से कुछ सीटें अधिक लड़ेंगी, ताकि बिहार में बड़े भाई का संदेश दे सके. कुछ सीटें जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा को भी दी जाएंगी. सूत्रों के अनुसार नीतीश कुमार की अगुवाई में ही चुनाव लड़ा जाएगा. चुनाव जीतने पर वे ही तय करेंगे कि आगे क्या करना है. नीतीश कुमार के स्वास्थ्य को लेकर चिंताएँ हैं. लेकिन इस बारे में वे ही निर्णय करेंगे.
(हिमांशु मिश्रा की रिपोर्ट)
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