
हाथ में चाय का भगौना और गले में भगवा अंगोछा, तो जैकेट पर चमक रहा है बीजेपी का सिंबल कमल. हम बात कर रहे हैं शिमला के चाय वाले नेताजी की. पेशे से चाय-स्नैक्स विक्रेता संजय सूद एक तरफ फटाफट ग्राहकों को चाय बेच रहे हैं. तो दूसरी तरफ ये इस बार शिमला शहरी सीट से हिमाचल विधानसभा चुनाव में भी हाथ आजमा रहे हैं.
कई सालों से बेच रहे हैं चाय
कहा जाता है कि शिमला के पुराने बस स्टैंड के इस स्टॉल पर 57 साल के संजय सूद चाय बेचते-बेचते करोड़पति बन चुके हैं. अब वो चाय वाले से विधायक बनने का सपना देख रहे हैं. दुनिया जानती है कि पीएम नरेंद्र मोदी चाय बेचकर सियासत के शिखर तक पहुंच गए. लेकिन संजय सूद उनसे अपनी तुलना करने से बचते हैं.
बरसों से इस कारोबार में जुटे हैं संजय
संजय सूद अपने भाइयों के साथ बरसों से यहां कारोबार में जुटे हैं. 4 बार विधायक रहे सुरेश भारद्वाज की जगह बीजेपी ने इस बार टिकट दिया है. तो इन्हें पूरा भरोसा है कि ये पार्टी की उम्मीदों पर खरे उतरेंगे. इनके भाई कहते हैं कि ये लंबे संघर्ष का नतीजा है, जिसकी बदौलत ये इस मुकाम तक पहुंचे हैं.
दो बार काउंसिलर रह चुके हैं
चाय बेचने के साथ ही संजय सूद सियासत में पहले से सक्रिय रहे हैं. ये दो बार काउंसिलर भी रह चुके हैं. बीजेपी के पदाधिकारी भी रहे हैं. अब मौका मिला है, तो ये विधायक भी बन सकते हैं, लेकिन अपना बुनियादी बिजनेस छोड़ना नहीं चाहते.
शिमला में टक्कर नहीं है आसान
बहरहाल शिमला में इस बार चुनावी टक्कर आसान नहीं होगी, एक तरफ कांग्रेस तो दूसरी तरफ आम आदमी पार्टी भी यहां ताल ठोकने को तैयार है. तो सबको अब 12 नवंबर का इंतजार है, जब यहां मतदान होगा. उसके बाद 8 दिसंबर का जब चुनाव के नतीजे आएंगे.