UP Election 2022
UP Election 2022 पूर्वांचल की माटी से राजनीति में पहचान बनाने वाले अद (सोनेलाल), निषाद पार्टी, अद (कमेरावादी) और सुभासपा की जनता में पकड़ और दावों की असल परीक्षा पांचवें, छठवें और सातवें चरण में होगी. इनके परफॉर्मेंस पर ही बीजेपी और सपा को सीधे तौर पर फायदा या नुकसान होगा. बता दें कि ये छोटे दल पांचवें, छठवें व सातवें चरण की 45 सीटों पर प्रत्याशियों को मैदान में उतारकर पूर्वांचल की राजनीति में अपने दखल का अहसास कराने की जद्दोजहद में जुट गए हैं.
सपा और बीजेपी के सहयोगी दल के इन चार दलों के खाते में गठबंधन के तहत 57 विधानसभा सीटें हैं. ये सीटें बस्ती, गोरखपुर, आजमगढ़, वाराणसी, मिर्जापुर, प्रयागराज, अयोध्या, देवीपाटन मंडल में हैं. इन सहयोगी छोटे दलों को पूर्व के चुनावों में जो सफलताएं मिलीं वह पूर्वांचल व अवध की इन्हीं क्षेत्रों में मिली हैं. लिहाजा इन दलों के राजनीतिक भविष्य की दिशा व दशा भी इस चरण में ही निर्धारित होगी.
बीजेपी ने सौंपी निषाद पार्टी के कंधों पर बड़ी जिम्मेदारी
निषाद पार्टी ने 16 प्रत्याशी घोषित किए हैं. जिसमें काल्पी को छोड़कर बाकी 15 सीटें पांचवें से लेकर सातवें चरण की हैं. इस पार्टी को बीजेपी ने पूर्वांचल में बड़ी भूमिका से नवाजा है. एक तरह से निषाद पार्टी के सामने बीजेपी के सामने खरा उतरने की चुनौती है. निषाद पार्टी के छह प्रत्याशी भाजपा के सिंबल से चुनाव मैदान में हैं, वहीं 10 प्रत्याशी पार्टी के अपने चुनाव चिह्न पर मैदान में हैं.
सुभासपा व अपना दल (कमेरावादी) के सामने भी है चुनौती
सुभासपा ने पिछले चुनाव में भाजपा के साथ मिल कर चार सीटों पर जीत हासिल की थी. वहीं इस विधान सभा चुनाव में सुभासपा ने अभी तक 18 सीटों से प्रत्याशियों का ऐलान किया है. सुभासपा अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर जिन्होंने सपा से गठबंधन किया है उनकी की कड़ी परीक्षा इन्हीं तीन चरणों में होगी. सपा की दूसरी सहयोगी अद (कमेरावादी) ने जिन छह सीटों से प्रत्याशियों की घोषणा की है अध्यक्ष कृष्णा पटेल पांचवे चरण की सीट प्रतापगढ़ सदर से मैदान में हैं. बाकी सभी सीटें सातवें चरण की हैं.
पूर्वांचल में भाजपा को मजबूत करने का भार अद (एस) पर
अद (एस) के लिए भी तीनों चरण कड़ी परीक्षा साबित होंगे. अद (एस) भाजपा गठबंधन में शामिल है.अपना दल (सोनेलाल) ने 17 प्रत्याशी घोषित किए हैं. अद (एस) के पास पांचवें चरण में सात सीटें हैं. छठवें और सातवें चरण मेंचार सीटें हैं. यह दल 2014 से ही भाजपा के साथ है. पिछले विधानसभा चुनाव में इस दल के 11 में से नौ प्रत्याशी चुनाव जीते थे. अवध व पूर्वांचल में अद (एस) को भाजपा व निषाद पार्टी के प्रत्याशियों के जीत की राह आसान करने की चुनौती है.