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यूपी चुनाव में इनका चला सिक्का, जानिए प्रदेश के सबसे गरीब विधायक के बारे में

अनिल प्रधान ने चित्रकूट जनपद की 236 चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी के चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को 20876 मतों से मात दी है, और इसी के साथ अनिल प्रधान 18वीं  विधानसभा के लिए चुनाव जीतने वाले सबसे गरीब विधायक बन गए हैं.

अनिल प्रधान अनिल प्रधान

कोई भी चुनाव धनबल और बाहुबलियों का खेल माना जाता है. लेकिन यूपी चुनाव में कुछ गुदड़ी के लालों ने इस बात को झूठा साबित कर दिया है. ऐसा ही एक नाम है चित्रकूट विधानसभा से विधायक बने अनिल प्रधान का. अनिल प्रधान ने चित्रकूट जनपद की 236 चित्रकूट सदर विधानसभा सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी के तौर पर बीजेपी के चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय को 20876 मतों से मात दी है, और इसी के साथ अनिल प्रधान 18वीं  विधानसभा के लिए चुनाव जीतने वाले सबसे गरीब विधायक बन गए हैं. अनिल प्रधान  के पास कुल 30 हजार 496 रुपए की संपत्ति है. अनिल प्रधान  के पास ना तो खुद का घर है ना ही कोई जमीन. अनिल ने अपने हलफनामे में इस बात की जानकारी दी है. 

चित्रकूट की मानिकपुर तहसील के नया पुरवा गाँव के रूकमा बुजुर्ग मजरे के रहने वाले अनिल प्रधान ने बुंदेलखंड विश्व विद्यालय से स्नातक की डिग्री ली है. अनिल प्रधान ने सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर अपना करियर शुरु किया था और लोगों के दुख दर्द में उनका साथ देने को अपने जीवन का मकसद बनाया था. अनिल प्रधान ने लोगों तक सरकारी योजनाओं का फायदा न मिलने के खिलाफ कई बार भूख हड़तालें भी कीं. 20 जून 2013 को जब मुख्यमंत्री के तौर पर अखिलेश यादव जब लैपटॉप बाँटने चित्रकूट आए थे तब अनिल प्रधान ग्रामीणों को सरकारी योजनाओं का लाभ न मिलने के मुद्दे पर कार्यक्रम स्थल में हंगामा किया था, तब पुलिस ने इन्हें घसीटकर बाहर निकाल दिया था. 

इसके बाद से अनिल प्रधान अखिलेश यादव की नजर में आ गए, और अखिलेश यादव से अनिल प्रधान की मुलाकात का सिसलसिला शुरू हो गया. अनिल के अनुरोध पर अखिलेश यादव ने लोहिया ग्रामीण बस सेवा शुरू कराई, साथ ही अनिल के गांव में रोडवेज बस सेवा की भी शुरूआत की. अनिल की मांग पर ही रूकमा में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक छोटा विद्युत उपकेंद्र भी बनाया गया. 

साल 2016 में अनिल ने चित्रकूट जिला पंचायत में  सरैन्या वार्ड चुनाव लड़ा और ढाई हजार वोटों से जीत दर्ज करते हुए ज़िला पंचायत सदस्य बन गए. जिला पंचायत सदस्य का कार्यकाल पूरा करने के पहले ही अनिल प्रधान ने इस बार विधायक का चुनाव लड़ने का मन बना लिया था. इसकी रणनीति बनाकर उन्होंने पिछले साल हुए जिला पंचायत चुनाव में खुद चुनाव न लड़कर अपनी भाभी को अकबर वार्ड से चुनाव लड़वाया और पूरे जनपद में सबसे ज्यादा (करीब ग्यारह हज़ार) वोटों से जीत दर्ज कराई थी . वहीं समाजवादी पार्टी ने उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए इस बार इन्हें चित्रकूट विधानसभा सीट के लिए भाजपा के कद्दावर नेता चंद्रिका प्रसाद उपाध्याय के ख़िलाफ़ चुनाव मैदान में उतारा था. अनिल प्रधान सादा जीवन उच्च विचार की धारण पर विश्वास करने वाले व्यक्ति हैं.  पैरों में हवाई चप्पल और सिर में लाल गमछा बांधने वाले अनिल प्रधान हमेशा हरे रंग का कुरता और सफेद पायजामा पहनते हैं. यही उनकी पहचान है.