गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल (फाइल फोटो)
गुजरात के सीएम भूपेंद्र भाई पटेल (फाइल फोटो) गुजरात विधानसभा चुनाव की सरगर्मियां तेज हैं. सियासी दलों के बड़े-बड़े नेता प्रचार में जुटे हैं. गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल भी खूब चुनाव प्रचार कर रहे हैं. भूपेंद्र पटेल की सियासी कहानी भी अजब है. अचानक से उनको सूबे का मुख्यमंत्री बना दिया गया. भूपेंद्र पटेल पहली बार विधायक बने और मुख्यमंत्री की कुर्सी तक पहुंच गए. चलिए आपको दादा के नाम से मशहूर भूपेंद्र पटेल के किस्से बताते हैं.
भूपेंद्र पटेल की पढ़ाई-लिखाई और परिवार-
भूपेंद्र पटेल का पूरा नाम भूपेंद्र भाई रजनीकांत पटेल है. उनका जन्म 15 जुलाई 1962 को अहमदाबाद के शिलाज में हुआ था. भूपेंद्र भाई पटेल ने पॉलिटेक्निक अहमदाबाद से सिविल इंजीनियरिंग से डिप्लोमा की पढ़ाई की है. भूपेंद्र पटेल की पत्नी का नाम हेतल पटेल और बेटे का नाम अनुज पटेल है.
बंपर जीत के साथ बने MLA, बन गए CM-
भूपेंद्र पटेल पहली बार साल 2017 में विधायक बने और बीजेपी ने उनको मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बिठा दिया. दादा के नाम से मशहूर भूपेंद्र पटेल ने घाटलोडिया से एक लाख 17 हजार वोटों से जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को रिकॉर्ड मतों से हराया था. विजय रूपाणी ने सीएम पद से इस्तीफा दिया था तो दादा का नाम सीएम की रेस में दूर-दूर तक नहीं था. लेकिन अचानक पार्टी ने भूपेंद्र पटेल को मुख्यमंत्री बना दिया. भूपेंद्र पटेल ने 12 सितंबर 2021 को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली.
सीएम चेहरा हैं भूपेंद्र पटेल-
गुजरात विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सीएम चेहरा साफ कर दिया है. बीजेपी ने साफ कर दिया कि अगर सरकार बनती है तो कौन सीएम बनेगा? गृह मंत्री और बीजेपी के दिग्गज नेता अमित शाह ने ऐलान कर दिया है कि अगर बहुमत की सरकार बनी तो भूपेंद्र पटेल ही मुख्यमंत्री बनेंगे.
नगरपालिका से शुरू हुआ था सियासी सफर-
भूपेंद्र पटेल पहली बार साल 1995 में नगरपालिका के सदस्य बने. दादा साल 1995 से 1996 तक मेमनगर नगरपालिका के सदस्य रहे. साल 1999 से लेकर 2000 तक दादा मेमनगर नगरपालिका के प्रेसिडेंट रहे. साल 2008 से लेकर साल 2010 तक स्कूल बोर्ड ऑफ अहमदाबाद म्युनिसिपल कॉरपोरेशन के वाइस चेयरमैन के पद पर रहे. दादा थलतेज वार्ड का काउंसर भी रहे हैं. वो साल 2010 से 2015 तक काउंसर रहे. इतना ही नहीं, भूपेंद्र पटेल साल 2015 से 2017 तक अहमदाबाद अर्बन डेवलपमेंट अथॉरिटी के चेयरमैन रहे. इसके बाद साल 2017 में पहली बार विधायक बने.
दादा के नाम से मशहूर-
भूपेंद्र भाई पटेल को उनके समर्थक दादा के नाम से पुकारते हैं. उनकी छवि एक मृदुभाषी नेता के तौर पर है. भूपेंद्र पटेल का विधानसभा क्षेत्र अमित शाह के लोकसभा क्षेत्र गांधीनगर सीट का हिस्सा है. बताया जाता है कि दादा जब किसी से मिलते हैं तो उनके चेहरे पर हमेशा मुस्कान रहती है. दादा को जमीन से जुड़ा नेता माना जाता है.
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