
UP Election 2022
UP Election 2022 कहते है सियासत में कुछ मुद्दे हमेशा कायम रहते हैं. हर बार चुनावों में वही मुद्दे दोहराए जाते हैं. उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर में भी 25 साल से एक मुद्दा लगातार चुनावों में उठता आ रहा है. दरअसल संत कबीर नगर में एक मिल पिछले 25 सालों से बंद पड़ी है और चुनाव के दौरान हर एक प्रत्याशी इस मिल को खुलवाने के वादा करता है.
लेकिन आज तक यह वादा पूरा न हो सका. इस मिल पर ताला लगने से इस इलाके के बहुत से लोगों की किस्मत पर भी ग्रहण लग गया है. 1997 में मिल के मालिक और कर्मचारियों के बीच हुए मामूली विवाद यह फैक्ट्री बंद हुई थी और आज तक नही खुल पाई है.
20 साल चली कताई मिल:
उस समय इस जगह पर 5000 से ज्यादा कर्मचारी काम करते थे और यह मिल लगभग 50 हज़ार लोगों के जीवनयापन का सहारा थी. संत कबीर नगर के मगहर नगर पंचायत क्षेत्र में 1977 में यह कताई मिल स्थापित हुई थी. जो लगातार अगले बीस साल यानि 1997 तक चली.
इस मिल में तैयार सूत जिले के साथ ही प्रदेश के मऊ, आजमगढ़, कानपुर, अकबरपुर, टाण्डा, मेरठ के अलावा देश की आर्थिक राजधानी मुंबई, गुजरात, बंगाल आदि स्थानों पर भी सप्लाई होता था.

हर साल प्रत्याशी करते हैं वादा:
यहा काम करने वाले कर्मचारियों की माने तो हर चुनाव में मुद्दा यही रहता है. सभी नेता यह वादा करते हैं कि चुनाव जीते तो मिल शुरू होगी और रोजगार मिलना शुरू हो जाएगा. हालांकि, इस बार जनता ने प्रतियाशी से वादा लिया है कि अगर उनके जीतने के बाद यह फैक्ट्री नही खुली तो दोबारा इस शहर में कभी वोट न मांगे.
उत्तर प्रदेश के चुनाव अब आखिरी चरण में चल रहे हैं. पूर्वांचल में रोजगार की दिक्कत सभी इलाकों में है. लेकिन इस इलाके के लोगों का कहना है कि उनके पास रोजगार का एक मात्र साधन शुरू हो सकता है लेकिन नेता अपने वादों को पूरा नहीं करते हैं. उम्मीद है कि इस चुनाव के बाद यह मुद्दा राजनीति की भेंट नहीं चढ़े.