scorecardresearch

FilmyFriday Govinda: 21 साल का वो एक्टर, जिसे कोई नहीं जानता था, 22 साल की उम्र में साइन की 49 फिल्में...कैसे आया करियर में डाउनफॉल, पाकिस्तान से क्या है नाता

बॉलीवुड के हीरो नंबर वन गोविंदा हिंदी सिनेमा के दिग्गज अभिनेताओं में से एक हैं. 80-90 के दौर में जिस फिल्म में गोविंदा होते थे, उन्हें देखने के लिए दर्शकों की भीड़ उमड़ पड़ती थी. उनकी एक्टिंग के लाखों लोग दीवाने रहे हैं.

Govinda Govinda

अपनी बेहतरीन अदाकारी और डांस के खास अंदाज से बॉलीवुड के हीरो नंबर 1 (Bollywood Hero No.1) बनने वाले एक्टर गोविंदा (Govinda) हाल ही में 60 साल के हुए हैं. गोविंदा के पिता अरुण आहूजा 40 और 50 के दशक के जाने-माने हीरो थे. गोविंदा की मां निर्मला देवी एक गायिका और अभिनेत्री थीं. खैर, विरार के चॉल से बॉलीवुड के शीर्ष अभिनेताओं में शामिल होने का गोविंदा का ये सफर काफी दिलचस्प रहा. जिस लड़के को 21 साल की उम्र में कोई नहीं जानता था, उसने 22 साल की उम्र में 49 फिल्में साइन कर ली थीं. एक नजर गोविंदा के संघर्षों और उपलब्धियों पर.

पिता ने नहीं लिया था गोद
गोविंदा का जन्म 21 दिसंबर 1963 को मुंबई में हुआ था. गोविंदा का पूरा नाम गोविंदा आहूजा (जिन्हें प्यार से 'चीची' भी कहा जाता है) है. जब गोविंदा पैदा हुए थे तो उनके पिता ने उन्हें गोद लेने से इनकार कर दिया था. ये बात गोविंदा ने एक इंटरव्यू में बताई थी. दरअसल जब गोविंदा गर्भ में थे तो उनकी मां, निर्मला देवी साध्वी बन गई थीं. वह पापा के साथ ही रहती थीं, लेकिन बिल्कुल साध्वी की तरह. फिर जब गोविंदा का जन्म हुआ तो उनके पापा को लगा कि गोविंदा के कारण मां उनसे अलग होकर साध्वी बनी हैं. गोविंदा ने कहा, 'कुछ समय बाद जब लोगों ने उन्हें मेरे बारे में कहा कि कितना खूबसूरत बच्चा है, कितना अच्छा लड़का है, तब उन्होंने मुझे प्यार करना शुरू किया.'

बहुत कम लोग जानते हैं कि गोविंदा का पाकिस्तान से गहरा नाता है. उनके पिता अरुण आहूजा का जन्म गुजरांवाला, पाकिस्तान में हुआ था. बाद में वो मुंबई आ गए और 1940 में महबूब खान की फिल्म 'औरत' से बॉलीवुड में एंट्री ली.

वेटर के लिए दिया इंटरव्यू
गोविंदा के पिता अरुण कुमार आहूजा भी एक्टर थे. उन्होंने लगभग 40 फिल्मों में काम किया और फिर इंडस्ट्री छोड़ दी. गोविंदा की मां निर्मला देवी जानी-मानी क्लासिकल सिंगर और अभिनेत्री थीं. लेकिन बावजूद इसके उन्हें काफी स्ट्रगल करना पड़ा. गोविंदा के जन्म से पहले पिता के डूबते फिल्मी करियर ने पूरी फैमिली को बर्बादी के रास्ते पर पहुंचा दिया था. पूरा परिवार मुंबई के विरार में एक चॉल में रहने को मजबूर हो गया था. गोविंदा जब बड़े हुए तो घर की आर्थिक स्थिति संभालने के लिए उन्होंने नौकरी करने की सोची. वो मुंबई के एक होटल में वेटर की नौकरी के लिए इंटरव्यू देने गए थे. लेकिन इंग्लिश नहीं आने की वजह से उनका सेलेक्शन नहीं हुआ.

मां नहीं चाहती थी कि वो एक्टर बनें
गोविंदा की मां नहीं चाहती थी कि वो एक्टर बनें. मां चाहती थी कि गोविंदा बैंक में नौकरी करें. हालांकि गोविंदा को अपने पिता का पूरा सपोर्ट मिला. गोविंदा के पिता ने कहा, 'तुम अच्छा लिख सकते हो, अच्छे दिखते हो, एक्टिंग कर सकते हो, तुम्हें फिल्मों में जाना चाहिए, क्यों नौकरी खोज रहे हो.' एक इंटरव्यू में गोविंदा ने खुलासा किया था कि वो मां को बिना बताए कई दिनों तक राजश्री प्रोडक्शन के चक्कर सिर्फ इसलिए लगाते रहे कि शायद कभी काम मिल जाए. लेकिन ऐसा हुआ नहीं.

फिर एक दिन उन्होंने मां से रिक्वेस्ट की कि वे मुझे फिल्मों में जाने की परमिशन दे दें. तब उन्होंने परमिशन देने के साथ-साथ मुझसे कहा- 'नो शराब, नो सिगरेट. अगर तुम ट्राय करना चाहते हो तो करो, लेकिन ये चीजें लाइफ में नहीं आनी चाहिए.' गोविंदा की मां एक अच्छी ज्योतिषी भी थीं. उन्होंने गोविंदा के बारे में जो-जो भविष्यवाणी की, वह सच साबित हुई. गोविंदा जब 17 साल के थे तो उनकी मां ने ही कहा था कि 21 साल की उम्र में वो कमाल करेंगे. इसी उम्र में गोविंदा की पहली फिल्म आई. इसके 50 दिन के अंदर उन्होंने 49 फिल्में साइन कीं.

कैसे मि‍ला पहला ब्रेक
80 के दशक में गोविंदा के मामा राजेंद्र सिंह अपने छोटे भाई आनंद के साथ फिल्म ‘नरम-गरम’ को प्रोड्यूस कर बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचा चुके थे. साल 1984 में दोनों भाइयों ने एक नई फिल्म 'तन बदन' बनाने की सोची. हीरो के लिए जितेंद्र से बात की गई, लेकिन डेट नहीं होने की वजह से उन्होंने फिल्म करने से मना कर दिया. तब उन्हें अपने भांजे गोविंदा का ख्याल आया और उन्होंने बतौर हीरो उसे लॉन्‍च करने का मन बना लिया. राजेंद्र सिंह ने फिल्म से पहले गोविंदा को 22000 रुपए दिए और अपना पूरा मेकओवर करवाने के लिए कहा. इसके बाद गोविंदा पूरी तरह बदल गए. इस फिल्म के लिए उन्हें 5 हजार रुपये मिले थे. 

वैसे तो तन बदन गोविंदा की पहली फिल्म थी, लेकिन इससे पहले ही 1986 में उनकी फिल्म इल्जाम रिलीज हो गई. ये उनकी डेब्यू फिल्म बनी. तब गोविंदा 21 साल के थे. इसके बाद कल्ट क्लासिक 'आवारगी' और महासंग्राम जैसी बेहतरीन फिल्मों में काम कर गोविंदा स्टार बन गए. 22 की उम्र में 50 दिन के अंदर उन्होंने 49 फिल्में साइन की थीं. आंखें, राजा बाबू, कुली नंबर 1, हीरो नंबर 1 और पार्टनर उनकी बेहतरीन फिल्मों में से हैं.

अब क्यों नहीं मिल रहा काम
37 साल के करियर में गोविंदा ने तकरीबन 170 फिल्मों में काम किया है. साल 2019 में रिलीज हुई उनकी आखिरी फिल्म का नाम रंगीला राजा था जोकि फ्लॉप साबित हुई. इसके बाद गोविंदा को कोई फिल्म नहीं मिली. एक इंटरव्यू में गोविंदा ने काम न मिलने की वजह को बताया था कि वो जल्दी काम एक्सेप्ट नहीं करते जिसकी वजह से उन्होंने कई बड़े प्रोजेक्ट्स ठुकराए हैं. गोविंदा ने डेविड धवन की तकरीबन 17 फिल्मों में काम किया था. इनमें शोला और शबनम, आंखें, राजा बाबू, कुली नंबर वन, हीरो नंबर वन जैसी फिल्में हिट रही थीं.