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वो हैंडसम एक्टर जिसकी फिल्म देखने के लिए थियेटर के बाहर चल गई थीं गोलियां, लड़कियां लिखती थीं खून से खत

आज देव आनंद की सालगिरह है. देव आनंद को लेकर जो दीवानगी लोगों में थी, वैसी आज कल के किसी अभिनेता को नसीब नहीं हो पाएगी. देव आनंद ब्लैक सूट में इतने हैंडसम लगते थे कि लड़कियां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाती थीं.

देव आनंद देव आनंद
हाइलाइट्स
  • स्टाइल आइकॉन थे देव आनंद साहब

  • सुरैया से करते थे बेपनाह मोहब्बत

  • देव आनंद का पहला प्यार एक्ट्रेस सुरैया थीं.

बॉलीवुड के सदाबहार एक्टर देव आनंद का आज जन्मदिन है. गाइड, हरे कृष्ण हरे राम, देश परदेस जैसी फिल्मों से हमारा मनोरंजन करने वाले देव आनंद ने 100 से अधिक फिल्मों में काम किया. आज भी पुराने जमाने के किसी हैंडसम और टैलेंटेड एक्टर की बात होती है तो देव आनंद का नाम सबसे पहले आता है. लड़कियां उनकी इस कदर दीवानी थीं कि जहां वे जाते सैकड़ों-हजारों लोगों की भीड़ जमा हो जाती थी. लड़कियां उन्हें खून से खत लिखती थीं. क्या आप जानते हैं देव आनंद को ब्लैक कोट पहनने पर पाबंदी लगाई गई थी.

स्टाइल आइकॉन थे देव आनंद साहब

देव आनंद को लेकर दीवानगी का आलम तो ये था उनकी एक झलक पाने के लिए लड़कियां बेताब रहती थीं, और उन्हें लेकर एक किस्सा भी काफी मशहूर है कि उनके काले कोट पहनने पर रोक लगा दी गई थी. देव आनंद ब्लैक सूट में इतने हैंडसम लगते थे कि लड़कियां अपनी भावनाओं पर काबू नहीं रख पाती थीं. उन दिनों कुछ लड़कियों के उनके काले कोट पहनने के दौरान आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं. और इसलिए कोर्ट को इसमें हस्तक्षेप करना पड़ा. देव आनंद साहब को देखकर उन दिनों सफेद शर्ट पर काला कोट पहनने का स्टाइल बहुत ट्रेंड हुआ था. देव आनंद को उनके रोमांटिक रोल और जबर्दस्त स्टाइल के लिए जाना जाता था. देव आनंद की एक्टिंग और स्टाइल ने उन्हें हमेशा दूसरे एक्टर्स की भीड़ से अलग रखा.

एक्टर बनने से पहले की क्लर्क की नौकरी

देव आनंद शानदार अभिनेता, प्रतिभाशाली निर्देशक और निर्माता थे. देव आनंद का असली नाम धर्मदेव पिशोरीमल आनंद था. 26 सिंतबर को 1923 को जन्मे देव आनंद बचपन से ही एक्टर बनना चाहते थे. अंग्रेजी साहित्य में पढ़ाई करने के बाद 1940 की शुरुआत में देव आनंद एक्टर बनने का सपना लेकर मुंबई चले आए. क्या आप जानते हैं हिंदी सिनेमा में तकरीबन छह दशक तक अपना जादू बिखेरने वाले सदाबहार अभिनेता देव आनंद को एक्टर बनने के लिए कई पापड़ बेलने पड़े थे. एक्टर बनने से पहले देव आनंद ने क्लर्क की नौकरी थी. बतौर लीड एक्टर देव आनंद की पहली फिल्म 'हम एक हैं' (1946) थी.  इससे पहले उन्होंने फिल्मों में छोटे मोटे रोल किए थे.

थियेटर के बाहर चल गई थीं गोलियां

देव आनंद की फिल्म जॉनी मेरा नाम जब रिलीज हुई तो फर्स्ट डे फर्स्ट शो के लिए इतनी भीड़ लग गई कि लोगों को लंबी लाइन लगाने के बाद भी टिकट नहीं मिल पाए. और फिर क्या था जमशेदपुर के एक सिनेमाघर के बाहर फिल्म के टिकट के लिए गोलियां चल गई थीं. इस हादसे में दो छात्रों की मौत भी हो गई थी. ऐसा शायद ही कोई एक्टर हो जिसके लिए इस हद तक दीवानगी देखी गई हो. उन्हें सिनेमा में सर्वश्रेष्ठ योगदान के लिए सिनेमा के सर्वोच्च पुरस्कार दादा साहेब फाल्के से भी सम्मानित किया गया.

सुरैया से करते थे बेपनाह मोहब्बत

देव आनंद का पहला प्यार एक्ट्रेस सुरैया थीं. दोनों को 'विद्या' फिल्म के सेट पर प्यार हुआ. उन्होंने हीरे की अंगूठी देकर सुरैया को प्रपोज भी किया लेकिन सुरैया की नानी इस रिश्ते के खिलाफ थीं. धर्म की दीवार दोनों के रिश्ते की बीच आई और दोनों एक दूसरे से अलग हो गए. देव आनंद ने आखिरकार 1954 में कल्पना कार्तिक से शादी की. उनके दो बच्चे हुए, बेटा सुनील आनंद और बेटी देविना. सुरैया, देव आनंद के प्यार में ताउम्र कुंवारी रहीं.