
Salim Khan- Javed Akhtar
Salim Khan- Javed Akhtar सलमान खान के पिता सलीम खान को मॉर्निंग वॉक के दौरान अनजान महिला ने धमकी दे दी. सलीम खान मॉर्निंग वॉक के बाद बेंच पर बैठे हुए थे, तभी स्कूटी पर एक शख्स और उसके पीछे बुर्का पहने महिला आई और कहा- ''लॉरेंस बिश्नोई को भेजूं क्या?'' ये पहली बार नहीं है जब गैंगस्टर की तरफ से सलमान खान के परिवार को धमकी दी गई है. सालों से ये सिलसिला चल रहा है.
खुद सलीम खान भी कई बार बिश्नोई गैंग पर बात कर चुके हैं. इससे पहले सलमान के मुंबई स्थित घर गैलेक्सी अपार्टमेंट में 14 अप्रैल की सुबह फायरिंग हुई थी.
सलीम खान अपने समय के जाने माने लेखक रहे हैं. जावेद अख्तर के साथ उनकी जोड़ी ने 24 फिल्मों के लिए स्क्रिप्ट लिखी, इनमें से 22 फिल्में सुपरहिट रही थीं. सलीम-जावेद की जोड़ी 70 और 80 के दशक में हिट फिल्मों का पर्याय मानी जाती थी. डायरेक्टर्स उनके साथ काम करना चाहते थे, एक्टर्स उनके साथ काम करने के लिए बेताब रहते थे. इतना ही नहीं दोनों को हीरो से भी ज्यादा फीस दी जाती थी. उन्हें क्रेडिट दिया जाता था.
क्यों टूटी थी सलीम-जावेद की जोड़ी
इस जोड़ी के टूटने को लेकर जावेद अख्तर ने बताया था कि, 'स्ट्रगल के दिनों में हम दोनों 24 में से 18 घंटे साथ रहते थे लेकिन जब कामयाबी मिले हमारे दोस्त अलग होने लगे. हमारा सर्कल अलग होने लगा. हम दोनों की आपसी समझ में अंतर आने लगा.' इस तरह जून 1981 में भारतीय सिनेमा के इतिहास की ये सबसे सफल जोड़ी अलग हो गई. अलग होने के बाद दोनों का नाम एक साथ सिर्फ जमाना और मिस्टर इंडिया में आया.

हर डिब्बे पर एक एक्सपाइरी डेट लिखी होती है...
जावेद अख्तर गीतकार भी बनना चाहते थे. उन्होंने सिलसिला के गीत लिखे थे और वो चाहते थे कि सलीम का नाम भी गीतकार के तौर पर लिखा जाए. जैसा कि इनकी फिल्मों में होता था लेकिन सलीम ने ऐसा करने से इनकार कर दिया. सलीम खान ने कहा था कि मैं ऐसे किसी काम का श्रेय नहीं लेना चाहता जो मैंने नहीं किया. जावेद से अलगाव पर सलीम खान का कहना था कि हर डिब्बे पर एक एक्सपाइरी डेट लिखी होती है उसी तरह इस रिश्ते की भी एक डेट लिखी थी.
जावेद से अलग होकर भी हिट रहे सलीम
जावेद अख्तर से अलग होने के बाद सलीम खान ने 1983 से 1996 तक 13 फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी. सलीम खान ने जो पहली फिल्म लिखी वो सुपरहिट रही. उस फिल्म का नाम था नाम. महेश भट्ट इस फिल्म के डायरेक्टर थे. इस फिल्म के गाने सुपरहिट हुए थे. आपको जानकर हैरानी होगी कि लेखक बनने से पहले सलीम खान ने छोटी बड़ी करीब दो दर्जन फिल्मों में काम किया था. हालांकि ज्यादातर फिल्मों में उन्हें क्रेडिट नहीं मिला. तीसरी मंजिल (1966), सरहदी लुटेरा (1966) और दीवाना (1967) जैसी उनकी कुछ फिल्में हैं जिसमें लोगों ने उन्हें नोटिस किया.
इसके बाद अंगारे (1986), कब्ज़ा (1988), फलक (1988), तूफ़ान (1989), जुर्म (1990) अकेला (1991), मस्त कलंदर (1991), पत्थर के फूल (1991), आ गले लग जा (1994), मझधार (1996), दिल तेरा दीवाना (1996) शामिल है. इनमें से ज्यादातर फिल्में हिट रहीं.
बतौर स्क्रिप्ट राइटर फेल लेकिन लिरिसिस्ट हिट हुए जावेद
सलीम से अलग होने के बाद जावेद अख्तर ने बेताब (1983), सागर (1985), अर्जुन (1985), रूप की रानी चोरों का राजा (1993), प्रेम (1995), लक्ष्य (2004), और डॉन द चेज बिगिन्स अगेन (2006) जैसी फिल्मों की स्क्रिप्ट लिखी. इनमें से लगभग सभी फिल्में फ्लॉप रहीं. लेकिन बतौर लिरिसिस्ट वो हिट रहे. साज, बॉर्डर, गॉडमदर, रिफ्यूजी, लगान, 1942 ए लव स्टोरी, पापा कहते हैं जैसी फिल्मों के लिए उन्हें नेशनल अवॉर्ड मिला.