
 OTT Regulation 
 OTT Regulation भारत के तकरीबन 45 करोड़ OTT सब्सक्राइबर्स के लिए एक जरूरी खबर है. सरकार ओवर-द-टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर फिल्मों और वेब सीरीज के लिए रिवाइज गाइडलाइन लागू करने की तैयारी कर रही है. ओटीटी पर फिलहाल बिना किसी पाबंदी के अश्लील दृश्य दिखाए जाते हैं.
जल्द जारी होगी गाइडलाइन
ओटीटी प्लेटफॉर्म पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को लेकर सूचना प्रसारण मंत्रालय जल्द ही नई गाइडलाइंस जारी करने वाला है. इसमें न्यूडिटी, अश्लीलता और गाली गलौज के सीन्स को वैकल्पिक माध्यमों से दर्शाने के लिए दिशा निर्देश जारी किए जाएंगे. यानी सीधे तौर पर आपत्तिजनक सीन्स और गाली गलौज को ब्लर और म्यूट किया जाएगा. अगर किसी सीन में गाली दी जा रही है तो उसे बीप करना होगा और अश्लील या कपड़े बदलने जैसे सीन्स को ब्लर करना होगा.

सूचना प्रसारण मंत्रालय से जुड़े अधिकारियों का कहना है कि बीते तीन महीने से ओटीटी फिल्म निर्माण से जुड़ी कंपनियों, व्यक्तियों और अन्य हिस्सेदारों से विचार विमर्श पूरा होने के बाद नई गाइडलाइंस बन रही हैं. नए नियम कंटेंट पर पूरी तरह से प्रतिबंध नहीं लगाएंगे, लेकिन ये प्रोडक्शन की प्रैक्टिस को प्रभावित करेंगे.
इसे ऐसे बनाया जा रहा है, ताकि महिलाओं के सम्मान से जुड़ी कानूनी धाराओं का कोई उल्लंघन नहीं हो. हालांकि ये गाइडलाइन बाध्यकारी नहीं होगी. फिल्म निर्माण के दौरान इन दिशा निर्देशों को ध्यान रखा जाएगा. ओटीटी सीरीज पर निर्माताओं को शपथ पत्र सेंसर बोर्ड और मंत्रालय को देना होगा.

इस साल की शुरुआत में सरकार ने 18 OTT प्लेटफॉर्म्स पर अश्लील कंटेंट दिखाने के चलते बैन लगा दिया था. इस वक्त देश में करीब 50 से ऊपर छोटे-बड़े ओटीटी प्लेटफॉर्म हैं. जिनमें सबसे ज्यादा यूजर्स डिज्नी+हॉटस्टार के हैं.
हर 10 में से 6 दर्शक ओटीटी लवर
भारत में हर 10 में से 6 दर्शक सिनेमाघर की जगह ओटीटी पर फिल्में देखना पसंद करता है. इसकी वजह है यहां मौजूद कंटेंट. चाहे आप सस्पेंस थ्रिलर के प्रेमी हों या फिर आपको रोमांटिक ड्रामा भाता हो...ओटीटी पर आपके लिए हर जोनर का कंटेंट उपलब्ध है. भारतीय ओटीटी बाजार वर्तमान में 1.5 अरब डॉलर का है.