
दक्षिण भारत के सुपरस्टार रजनीकांत का जन्म 12 दिसंबर साल 1950 को बेंगलुरु में हुआ था. उनके प्रति प्रशंसकों की दीवानगी इस हद तक है कि वे उन्हें 'भगवान' मानते हैं. कभी कुली और कंडक्टर का काम करने से सुपरस्टार बनने वाले रजनीकांत कभी यहां तक नहीं पहुंच पाते, अगर उनके दोस्त राज बहादुर ने रजनीकांत के अभिनेता बनने के सपने को जिंदा न रखा होता. अपने पिता रामोजी राव की चार संतानों में शिवाजी राव गायकवाड़ (रजनीकांत) सबसे छोटे थे. जब रजनीकांत पांच साल के थे तभी उनकी मां जीजाबाई का निधन हो गया था. घर के हालात खराब हो रहे थे जिसकी वजह से रजनीकांत को कुली तक का काम करना पड़ा. जब वे बड़े हुए तो बस में कंडक्टर की नौकरी करने लगे.
उनके सपने को दोस्त ने जिंदा रखा
रजनीकांत अभिनेता बनना चाहते थे. रजनीकांत के इस सपने दोस्त राज बहादुर ने जिंदा रखा और उन्होंने ही रजनीकांत को मद्रास फिल्म इंस्टिट्यूट में दाखिला लेने के लिए कहा. दोस्त की बदौलत ही रजनीकांत आगे बढ़ते गए और फिर फिल्मों में काम करने लगे.
पहली फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' थी
रजनीकांत ने अपने करियर की शुरुआत साल 1975 में रिलीज हुई फिल्म 'अपूर्वा रागनगाल' से की थी. इस फिल्म में रजनीकांत के अलावा कमल हासन और श्रीविद्या जैसे बड़े स्टार्स ने भी काम किया था. रजनीकांत ने अपने करियर की शुरुआती दिनों में कई निगेटिव भूमिकाएं निभाई थी.
1983 में बॉलीवुड में कदम रखा
पहली बार रजनीकांत ने फिल्म 'भुवन ओरु केल्विकुरी' में हीरो की भूमिका निभाई थी. उनकी फिल्म 'बिल्ला' बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट रही और इसी ने रजनीकांत को लोगों की नजरों में ला दिया. साल 1983 में उन्होंने बॉलीवुड में कदम रख दिया. उनकी पहली हिंदी फिल्म अंधा कानून थी. रजनीकांत ने इसके बाद सिर्फ तरक्की की सीढ़ियां चढ़ीं. चालबाज, बुलंदी, रोबोट सहित कई फिल्में हिट रहीं.आज वे दक्षिण भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े स्टार कहे जाते हैं. रजनीकांत अपने खास स्टाइल के लिए जाने जाते हैं. रजनीकांत को कई पुरस्कार मिल चुके हैं. रजनीकांत को वर्ष 2021 में दादासाहेब फाल्के पुरस्कार, 2016 में पद्म विभूषण दिया गया. रजनीकांत को सर्वश्रेष्ठ अभिनेता का फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिल चुका है.