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World Mental Health Day: मेंटल हेल्थ पर जागरूक करती हैं ये फिल्में, आज ही करें अपनी वॉचलिस्ट में शामिल

World Mental Health Day: विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस हर साल 10 अक्टूबर को मनाया जाता है. यह दिन पहली बार 1992 में वर्ल्ड फेडरेशन फॉर मेंटल हेल्थ द्वारा मनाया गया था.

World Mental Health Day (Photo: Unsplash) World Mental Health Day (Photo: Unsplash)
हाइलाइट्स
  • आज World Mental Health Day मनाया जा रहा है

  • लोगों को करें मानसिक स्वास्थ्य के प्रति जागरूक

मानसिक स्वास्थ्य भी उतना ही जरूरी है जितनी हमारी शारीरिक सेहत. अगर हम दोनों के बीच संतुलन नहीं बनाए रखेंगे तो जिंदगी की गाड़ी रूक जाएगी. आज, दुनियाभर में विश्व मानसिक स्वास्थ्य दिवस (World Mental Health Day) मनाया जा रहा है. इस दिन को मनाने का उद्देश्य लोगों को मेंटल हेल्थ के बारे में जागरूक करना है.  

सबसे बड़ी समस्या यही है कि आज भी समाज में इस विषय पर खुलकर बात नहीं होती है. बहुत से लोग आज भी डिप्रेशन, तनाव, बाइपोलर डिसऑर्डर जैसे विषयों के बारे में नहीं जानते हैं. हालांकि, अब लगातार मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता फैलाने की कोशिशें की जा रही हैं. हिंदी सिनेमा में भी फिल्मों के जरिए इस विषय के बारे में आम लोगों को बताने की कोशिश की गई है.

आज हम आपको बता रहे हैं कुछ ऐसी फिल्मों के बारे में जो मेंटल हेल्थ पर बात करती हैं. इन्हें आप अपनी वॉच लिस्ट में शामिल कर सकते हैं. 

डियर जिंदगी


गौरी शिंदे के निर्देशन में बनी फिल्म डियर जिंदगी साल 2016 की सफल फिल्मों में से एक थी. कमर्शियल सफलता के साथ-साथ समीक्षकों ने भी फिल्म की बहुत सराहना की. यह फिल्म आलिया भट्ट के किरदार कायरा के इर्द-गिर्द घूमती है. यह कहानी है कायरा की जो मानसिक रूप से परेशान है. अपनी मेंटल हेल्थ को सही करने के लिए कायरा की जगदीश (शाहरुख खान) की मदद लेती है जो मेंटल हेल्थ एक्सपर्ट है. इस फिल्म से लोगों को मेंटल हेल्थ के बारे में जामकारी मिलती है और साथ ही, सीख भी कि मानसिक स्वास्थ्य को अनदेखा करने की बजाय किसी की मदद लेनी चाहिए. 

छिछोरे

 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 
 

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फिल्म छिछोरे में अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत, श्रद्धा कपूर, वरुण शर्मा, ताहिर राज भसीन, नवीन पॉलीशेट्टी, तुषार पांडे और सहर्ष कुमार शुक्ला ने अहम किरदार निभाए हैं. फिल्म की कहानी सुशांत सिंह राजपूत के किरदार के चारों ओर घूमती है. फिल्म में उनका बेटा आत्महत्या करने की कोशिश करता है और इसके बाद, सुशांत उसे अपने और अपने दोस्तों की कहानी बताते हैं कि कैसे उन्होंने मुश्किल से मुश्किल समय में भी हार नहीं मानी. यह फिल्म हमें बताती है कि आज के जमाने में बाहरी दिखावे और शोशाबाजी से ज्यादा जरूरी मेंटल हेल्थ को ठक रखना है. 

माय नेम इज खान


शाहरुख खान और काजोल की फिल्म माय नेम इज खान, साल 2010 में बॉक्स ऑफिस पर एक बड़ी कमर्शियल सफलता थी. शाहरुख का किरदार रिजवान एस्परगर सिंड्रोम से लड़ रहा है और अपने संघर्ष के दौरान, वह मंदिरा (काजोल) नाम की एक महिला से मिलता है. जो उसकी यात्रा में उसकी मदद करती है. फिल्म का निर्देशन लोकप्रिय फिल्म निर्माता करन ने किया था. 

तारे ज़मीन पर


तारे ज़मीन पर आमिर खान द्वारा निर्मित और निर्देशित 2007 की एक ड्रामा फ़िल्म है. फिल्म में दर्शील सफारी, तनय छेड़ा, सचेत इंजीनियर, विपिन शर्मा और टिस्का चोपड़ा के साथ आमिर खान खुद मुख्य भूमिका में हैं। यह फिल्म बॉक्स ऑफिस पर एक व्यावसायिक सफलता थी क्योंकि यह एक 8 वर्षीय डिस्लेक्सिक बच्चे ईशान (सफारी) के जीवन और उसकी लड़ाई के बारे में है. फिल्म में, आमिर खान, ईशान को उसकी मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं से लड़ने में मदद करते हैं. 

कार्तिक कॉलिंग कार्तिक

Kartik Calling Kartik (Photo: IMDb)


दीपिका पादुकोण और फरहान अख्तर की यह फिल्म साल 2010 में बॉक्स ऑफिस पर हिट हुई थी. फिल्म की कहानी कार्तिक (फरहान) नाम के एक व्यक्ति और उसके मानसिक स्वास्थ्य के मुद्दों के इर्द-गिर्द घूमती है. इसमें शोनाली (दीपिका पादुकोण) उसकी मदद करती है जो उसे एक थेरेपिस्ट के पास लेकर जाती है.