

उत्तर प्रदेश के इटावा की एक छोटी-सी बस्ती से निकलकर देशभर के दिलों में जगह बनाने वाली शिवानी कुमारी की कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है. बचपन से उन्होंने लोगों के ताने सहे, अपनों की बेरुखी झेली लेकिन मेहनत की और कभी हार नहीं मानी. आज वह करोड़ों लोगों के लिए प्रेरणा बन चुकी हैं.
बचपन में न शिक्षा मिली, न प्यार
शिवानी का जन्म उत्तर प्रदेश के औरैया ज़िले के छोटे से गांव अरियारी में साल 2003 में हुआ था. उनके परिवार में पहले से दो बेटियां थीं, और सबको बेटे की उम्मीद थी. ऐसे में शिवानी का जन्म किसी को रास नहीं आया. बचपन से ही उन्हें परिवार खासकर मां के प्यार से वंचित रहना पड़ा.
सिर्फ एक साल की उम्र में ही पिता का निधन हो गया. इसके बाद, मां ने उन्हें अपशगुन मान लिया और कभी प्यार नहीं दिया. शिवानी ने बताया कि उन्हें स्कूल भेजने में भी आनाकानी की जाती थी, लेकिन उन्होंने जैसे-तैसे प्राइमरी स्कूल तक पढ़ाई की और साथ ही, खेतों में मजदूरी भी की.
वीडियो बनाया तो हुआ जमकर विरोध
शिवानी ने 2018 में पहली बार वीडियो बनाया. उन्होंने मजदूरी करके 150 रुपये कमाए और उस पैसे से परिवार के लिए 5 जोड़ी चप्पलें खरीदीं. इसकी खुशी में उन्होंने एक वीडियो बनाकर टिकटॉक पर डाला, जिसमें गलती से “हैलो फ्रेंड” की जगह “हैलो फ्रैंडा” बोल गईं.
यह वीडियो वायरल हो गया और अगले दिन कई लोग उनके साथ फोटो खिंचाने घर आ गए. ये सब देखकर उनकी मां नाराज़ हो गईं और वीडियो बनाने को मना किया. मां ने गुस्सा होक शिवानी के पेट में चाकू से हमला कर दिया. शिवानी को उनकी बड़ी बहन ने बचाया. इसके बाद, उनकी मां गुस्से में घर छोड़कर स्टेशन पर रहने चली गईं. 12 दिन तक शिवानी उन्हें मनाती रहीं, तब जैसे-तैसे मां वापस आईं.
संघर्षों के बीच बनाई पहचान
परिवार के विरोध, समाज की निंदा और गांव वालों की तानें- कुछ भी शिवानी के आत्मविश्वास को नहीं तोड़ पाया. उन्होंने वीडियो बनाना नहीं छोड़ा. लोग कहते थे कि उनका भाई है नहीं, पिता दुनिया से चले गए, अब यह नाक कटवाएगी. उनकी मां की मानसिक स्थिति भी बहुत अच्छी नहीं थी और उन्होंने कई बार आत्महत्या की कोशिश की. इन सभी हालातों के बीच, शिवानी ने संघर्ष करके अपनी पहचान खुद बनाई.
अब सोशल मीडिया की चमकदार स्टार
शिवानी ने अपनी शुरुआत टिकटॉक से की थी. उनकी अच्छी फैन-फॉलोइंग भी थी लेकिन फिर टिकटॉक बंद हो गया. वह टूट गई थीं लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी. तब शिवानी ने यूट्यूब पर डेली व्लॉगिंग शुरू की, जिसमें वह अपनी जिंदगी, गांव की झलक और भाई-बहनों के साथ मस्ती दिखाती थीं. उनकी सीधी-सादी भाषा और देसी अंदाज लोगों को बहुत भाया. देखते ही देखते उनके यूट्यूब पर 34 लाख सब्सक्राइबर्स और इंस्टाग्राम पर 72 लाख फॉलोअर्स हो गए. उनके कई वीडियो पर 5-5 करोड़ से ज़्यादा व्यूज़ आए हैं.
बिग बॉस ओटीटी 3 में पहुंची
शिवानी का सबसे बड़ा सपना था कि वह बिग बॉस में जाएं और 2025 में वह बिग बॉस ओटीटी सीज़न 3 का हिस्सा बनीं. एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, "बिग बॉस में आना मेरा सपना था और आज वो सपना सच हो गया है. मैं शब्दों में बयान नहीं कर सकती कि मैं कितनी खुश हूं."
उनकी मज़ेदार बातें, देसी लहज़ा और सादगी शो में लोगों को बहुत पसंद आयी. शो में उन्होंने बताया था कि उन्होंने अपने गांव में एक घर बनाया और एक कार खरीदी है, जो उन्होंने पूरी तरह अपनी मेहनत से हासिल किया.
विदेशों तक फैली पहचान, अमेरिका से मिलने आए लोग
अब शिवानी की लोकप्रियता केवल भारत तक सीमित नहीं रही. हाल ही में अमेरिका से इन्फ्लुएंसर मर्विन अची उनसे मिलने भारत आए. दोनों ने साथ मिलकर कई वीडियो बनाए , जो अब वायरल हो रहे हैं. शिवानी ने अपने साथ-साथ परिवार की जिंदगी भी एकदम बदल दी है.
शिवानी ने बताया कि जो लोग कभी उन्हें ताने मारते थे, आज उनके साथ फोटो खिंचवाने की लाइन में लगते हैं. शिवानी की ज़िंदगी की कहानी आज लाखों युवाओं के लिए उम्मीद की मिसाल बन गई है. वह सिखाती हैं कि अगर इरादा मजबूत हो, तो हालात चाहे जैसे भी हों, मंज़िल जरूर मिलती हैं.
-----------End-------------------