
हिसार के गांव बालसमंद के कबाड़ बेचने वाले की लड़की सिमरन की हैदराबाद में माइक्रोसॉफ्ट कंपनी में बतौर इंजीनियर नौकरी लगी है. उसे कंपनी से सालाना पच्चपन लाख रुपए का पैकेज मिला है. उनके पिता कबाड़ बेचने का काम करते है. सिमरन मात्र 21 साल की है. उन्होंने इतनी कम आयु में उसने इतना बड़ा मुकाम हासिल किया है.
विधायक ने की तारीफ
बेटी की सफलता पर कांग्रेस विधायक चंद्रप्रकाश ने कहा कि बेटियां किसी भी क्षेत्र में कम नहीं है. बेटियों को परिजन अवसर दें तो बेटियां हर क्षेत्र में अपना दम दिखा सकती हैं. बालसमंद की बेटी सिमरन पर पूरे प्रदेश को गर्व है. 4 जुलाई को बालसमंद में बेटी को सम्मानित किया जाएगा और अन्य बेटियां भी सिमरन से प्रेरणा लेकर आगे बढ़ें, हम बेटियों के साथ खड़े है.
सिमरन का सफरनामा
सिमरन ने 17 साल की आयु में अपने पहले ही प्रयास में जेईई की परीक्षा पास की थी. इसके बाद आईआईटी मंडी से इलेक्ट्रॉनिक इंजीनियर की परीक्षा पास की, और मंडी में उसका एडमिशन हो गया. पढ़ाई के दौरान सिरमन ने माइक्रोसॉफ्ट में हैदराबाद में इंटर्नशिप की और दो महीने बाद इंटर्नशिप में उन्होंने अवार्ड जीता.
सिमरन को अवार्ड माइक्रोसाफट की ओवरसीज हेड से दिया गया था. ओवरसीज हेड स्पेशल मिलने के लिए अमेरिका से हिसार आई. फाइनल सिलेक्शन में सिमरन को टॉप लिस्ट में नाम दर्ज हुआ और तीस जून को सिरमन की नौकरी मिल चुकी है.
क्या करते है सिमरन के पिता
पिता राजेश कुमार के अनुसार दो कमरो का घर है. तीन सौ से पांच रुपये कमाई हो जाती है. इसी कमाई से घर चलता है. गली-गली में जाकर कबाड़ एकत्रित करते हैं और बदले में उन्हें नए बर्तन देते है. जो कमाई होती है उसके घर का गुजारा करते है.
कैसे रहता है सिमरन का परिवार
सिमरन के परिजनों का कहना है कि सिमरन घर मे सबसे बड़ी बेटी हैं. उसकी दो बहने हैं. जिनका नाम ममता और मुस्कान हैं. साथ ही एक छोटा भाई हर्षित है. पिता राजेश ने बताया कि मैं स्ट्रीट वेंडर हूं. बेटी की उपलब्धि के लिए भगवान से उसके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं. राजेश ने बताया कि उसकी दोनो बेटिया भी पढ़ाई कर रही है दो कमरो का घर है घर की खिलाड़ियों में भी शीशे तक नही लगे हुए है और पूरे परिवार के लोग यहां रहते है.
दिखी मां की ममता
सिमरन की मां कविता ने कहा कि उसकी बेटी ने बाहरवीं तक पढ़ाई की. उसने कभी भी अपने बेटी से काम नहीं करवाया. उसे कभी ट्यूशन जाने की जरूरत नहीं पड़ी. इसके बाद सिमरन को हिसार पढ़ाई के लिए भेजा गया. उसने जेईई की परीक्षा वर्ष (2021) में पास कर ली थी बाद में उसका एडमिशन हो गया था.
हैदराबाद में 300 बच्चों में रही अव्वल
सिमरन ने अपनी कठिन मेहनत के दम पर माइक्रोसॉफ्ट हैदराबाद में इंटर्नशिप के बाद नौकरी के लिए चयन करवाया. दो माह की इंटर्नशिप में 300 बच्चों में बेस्ट इंटर्नशिप स्टूडेंट का अवार्ड मिला. माइक्रोसॉफ्ट कंपनी की अमेरिका से ओवरसीज हेड ने पहली बार भारत आकर सिमरन को अवॉर्ड से सम्मानित किया.
-हिसार से प्रवीण कुमार की रिपोर्ट