
अमरावती ने पूरे देश में स्वच्छ वायु सर्वेक्षण 2025 में पहला स्थान हासिल कर गौरव प्राप्त किया है. 3 से 10 लाख आबादी वाले (द्वितीय श्रेणी) शहरों में अमरावती को यह सफलता मिली है. यह उपलब्धि पिछले एक वर्ष में नगर निगम और नागरिकों के सामूहिक प्रयासों से संभव हुई है.
हरित विकास के लिए 15 लाख वृक्ष
शहर में हरित विकास के लिए पिछले 10 वर्षों में लगभग 15 लाख से अधिक वृक्षों का संवर्धन किया गया. मनपा ने 14 एकड़ में फैली शिवटेकड़ी, 2 एकड़ पर रहाटगांव और अन्य हिस्सों में वृक्षारोपण किया. "मिनी फॉरेस्ट" की संकल्पना अमल में लाई गई. साथ ही मियावाकी पद्धति से हरियाली विकसित की गई. स्वस्तिक उद्यान, ऑक्सीजन पार्क और सात बड़े ग्रीन पॉकेट्स शहर में स्थापित किए गए.
शहर की सफाई के लिए अनूठे कदम
नगर निगम ने 52 बड़े उद्यान और 206 छोटे उद्यान विकसित किए हैं. इन प्रयासों से शहर का लगभग 40% क्षेत्र हरियाली से आच्छादित हुआ है. साथ ही, धूल और प्रदूषण रोकने के लिए सड़कों की नियमित मशीनों से सफाई, पेव्हर ब्लॉक्स की धुलाई और दुभाजक पर वृक्षारोपण किया गया.
परिणामस्वरूप अमरावती की हवा की गुणवत्ता (AQI) 58.29 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर दर्ज की गई, जो अनुमेय स्सेतर कम है. नाइट्रोजन ऑक्साइड 12.4 और सल्फर डाइऑक्साइड 1.8 माइक्रोग्राम प्रति घनमीटर के स्तर पर रही.
क्या बोला नगर निगम?
महानगर पालिका आयुक्त सौम्या शर्मा-चांडक ने कहा, “अमरावती को देश का हरित और स्वच्छ शहर बनाना हमारी प्राथमिकता है. यह उपलब्धि हर नागरिक की सामूहिक सफलता है.” अमरावती की इस उपलब्धि को देश के अन्य शहरों के लिए एक आदर्श माना जा रहा है.
-धनंजय साबले की रिपोर्ट