
आंध्र प्रदेश की पंचायतें आज पूरे देश के लिए आदर्श बनकर उभर रही हैं. यहां न केवल सफ़ाई और पर्यावरण संरक्षण पर ज़ोर दिया जा रहा है, बल्कि प्रशासन को पारदर्शी बनाने और ग्रामीणों की ज़िंदगी आसान करने की दिशा में भी लगातार काम हो रहा है.
वेंगलपापालेम का ‘स्वच्छ रथम’ मॉडल
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, गुंटूर ज़िले के वेंगलयापालेम गांव में स्वच्छ रथम योजना चल रही है. इसमें लोग घर का पुराना कबाड़ और सूखा कचरा जमा करके लाते हैं और बदले में उन्हें ज़रूरी सामान जैसे आलू, प्याज़, आटा, चीनी, हल्दी, कॉपी-पेंसिल आदि मिलते हैं. सिर्फ़ दो महीनों में यहां 6,000 किलो से ज़्यादा सूखा कचरा इकट्ठा हुआ, जिससे गांव और भी साफ-सुथरा हो गया. पहले नालियों में कचरा फंस जाता था, लेकिन अब लोग खुद कचरा जमा कर देते हैं.
सोमावरम का ‘मैजिक ड्रेन’ प्रयोग
एनटीआर ज़िले के सोमावरम गांव ने नालियों की जगह मैजिक ड्रेन मॉडल अपनाया है. इसमें ज़मीन में 2 से 2.5 फीट गहरे गड्ढे बनाकर अलग-अलग आकार के कंकड़-पत्थर की परतें भरी जाती हैं. बारिश या घरेलू पानी इनसे होकर सीधे ज़मीन में रिस जाता है.
इससे न सिर्फ सड़कों पर जलभराव और मच्छरों की समस्या खत्म हुई है, बल्कि भूजल भी रिचार्ज हो रहा है. इसकी लागत भी सामान्य नालियों से कई गुना कम है.
केसरपल्ली गांव की आत्मनिर्भर पंचायत
कृष्णा ज़िले का केसरपल्ली गांव आय बढ़ाने के लिए हाईवे किनारे एक प्रसिद्ध कैफे शॉप की फ्रेंचाइज़ी चला रहा है. यह स्थान विजयवाड़ा एयरपोर्ट से केवल 1 किमी दूर है, जहां ग्राहकों की भीड़ लगी रहती है. पंचायत का सालाना बजट अब दो करोड़ रुपये से ज़्यादा हो गया है, और गांव आत्मनिर्भरता की दिशा में मज़बूत कदम बढ़ा रहा है. खास बात यह है कि आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने इसी गांव में शपथ ग्रहण किया था.
मुप्पल्ला का डिजिटल सचिवालय
एनटीआर ज़िले के मुप्पल्ला गांव में बना ग्राम सचिवालय ग्रामीण प्रशासन का नया मॉडल बन गया है. दो मंज़िला इमारत में ग्राम सचिव और 10 सहायक अफसर काम करते हैं. यहां 35 विभागों की 540 सेवाएं एक ही छत के नीचे उपलब्ध हैं. जन्म-मृत्यु प्रमाणपत्र, जाति व आय प्रमाणपत्र, पेंशन, फसल बीमा और महिला सुरक्षा जैसी ज़रूरी सेवाएं अब गांव की चौखट पर ही मिल जाती हैं. इनमें से 161 सेवाएं मोबाइल पर भी उपलब्ध हैं.
स्वर्ण पंचायत पोर्टल : सबकुछ ऑनलाइन
आंध्र सरकार का स्वर्ण पंचायत पोर्टल पंचायतों को पूरी तरह डिजिटल बना रहा है. अब पानी, बिजली और संपत्ति कर का भुगतान, नया बिजली कनेक्शन, भवन नक्शे की मंज़ूरी, प्रॉपर्टी कार्ड, विवाह प्रमाणपत्र और व्यापारिक NOC जैसी सेवाएं ऑनलाइन मिल रही हैं. पहले ग्राम सभा की बैठक के मिनट्स बनाने में कई दिन लग जाते थे, अब यह काम AI की मदद से मिनटों में पूरा हो जाता है.
आगे की तैयारी
आंध्र प्रदेश पंचायती राज और ग्रामीण विकास विभाग अब स्वच्छ रथम योजना को पूरे राज्य में लागू करने की तैयारी कर रहा है. इन गाड़ियों पर जीपीएस लगाया जाएगा और मोबाइल ऐप से निगरानी रखी जाएगी. सरकार वाहन मालिकों को “स्वच्छ रथम सारथी” बनाकर अनुदान भी दे रही है. वहीं पंचायती राज आयुक्त कृष्णा तेजा का कहना है कि सोमावरम का मैजिक ड्रेन मॉडल बेहद सफल रहा है और इसे अब पूरे राज्य में लागू किया जाएगा. इस तरह आंध्र प्रदेश की पंचायतें साफ-सफाई, आत्मनिर्भरता और डिजिटल गवर्नेंस की ऐसी मिसाल पेश कर रही हैं, जो पूरे देश के लिए प्रेरणादायी बन चुकी है.
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