
ग्रामीण विकास मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "एक लाख रुपये की वार्षिक आय के लक्ष्य को साकार करने के लिए घरेलू स्तर पर आजीविका से जुड़ी गतिविधियों में विविधता लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. " देश भर में महिला एसएचजी के अलग-अलग मॉडलों के आधार पर राज्य सरकारों को सलाह जारी की गई है. बयान के अनुसार, एसएचजी को सालाना 80,000 करोड़ रुपये की प्रारंभिक सहायता दी जा रही है. राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत 7.7 करोड़ महिलाओं को 70 लाख एसएचजी में शामिल किया गया है.
इस मिशन के तहत, विभिन्न वर्ग और जाति की गरीब महिलाएं स्वयं सहायता समूहों और उनके संघों में शामिल होती हैं. जो अपने सदस्यों को उनकी आय और जीवन की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए वित्तीय,आर्थिक और सामाजिक विकास सेवाएं प्रदान करते हैं.
गिरिराज सिंह ने ग्रामीण महिलाओं का किया मार्गदर्शन
एक आधिकारिक बयान के अनुसार, धनतेरस पर केंद्रीय ग्रामीण विकास और पंचायती मंत्री गिरिराज सिंह ने ग्रामीण महिलाओं का उनकी वार्षिक आय 1 लाख प्रति वर्ष से अधिक बढ़ाने के तरीकों पर मार्गदर्शन किया. इस पहल को 'मिशन रुपए 1 लाख' नाम दिया गया. गिरिराज सिंह ने कार्यक्रम के तहत विभिन्न स्वयं सहायता समूहों की महिलाओं और महिला निर्माता कंपनियों के निदेशक मंडल के साथ बातचीत की. प्रतिभागियों की तरक्की की कहानियों, चुनौतियों और आकांक्षाओं के बारे में सुनने के बाद मंत्री ने भविष्य के लिए उनका मार्गदर्शन किया.
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