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Coronavirus: IIT प्रोफेसर का दावा, नहीं आएगी कोरोना की तीसरी लहर! जानें क्यों?

कोरोना की दूसरी लहर के बाद ऐसी आशंका जताई जा रही है कि तीसरी लहर भी देश में दस्तक दे सकती है. एक हालिया रिसर्च में यह बात सामने आई है कि अगर डेल्टा वैरिएंट या डेल्टा प्लस वैरिएंट से भी ज्यादा तेजी से फैलने वाला कोई और वैरिएंट सामने नहीं आता है तो कोरोना की तीसरी लहर नहीं आएगी.

कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग जीत रहा है देश. (सांकेतिक तस्वीर-PTI) कोरोना संक्रमण के खिलाफ जंग जीत रहा है देश. (सांकेतिक तस्वीर-PTI)
हाइलाइट्स
  • देश के लिए कोरोना पर राहतभरी रिसर्च

  • कोरोना से जंग जीतने के करीब है देश

  • तीसरी लहर का नहीं हो सकता है असर

भारत में कोरोना की पहली और दूसरी लहर में त्रासदी जैसी स्थिति देखने को मिली. कोरोना की दूसरी लहर ने महामारी का ऐसा नजारा दिखाया, जिसे लोग याद करके भी सिहर जाते हैं. कहीं अस्पतालों के लिए मारामारी मची तो कहीं ऑक्सीजन की किल्लत से लोगों ने दम तोड़ दिया. अब कोरोना की दूसरी लहर के बाद चिंता तीसरी लहर की हो रही है लेकिन इसे लेकर एक राहत भरी रिसर्च सामने आई है.

नई रिसर्च में ऐसे तमाम संकेत हैं, जिसे देश के लिए शुभ कहा जा सकता है. रिसर्च में दावा किया गया है कि अगर कोरोना का  डेल्टा या डेल्टा प्लस वैरिएंट ही देश में फैलता है तो कोरोना मरीजों की संख्या ज्यादा नहीं बढ़ने वाली है. मतलब साफ है कि अगर डेल्टा या डेल्टा प्लस से ज्यादा फैलने वाला कोई वैरिएंट नहीं आता तो फिर हिंदुस्तान कोरोना के खिलाफ लड़ाई जीतने के बेहद करीब है. आईआईटी कानपुर के प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने यह अनुमान जताया है.

ऐसी स्थिति में अगर कोरोना की तीसरी लहर में डेल्टा वैरिएंट या डेल्टा प्लस वैरिएंट का ही फैलाव हो तो कोरोना की तीसरी लहर, उतनी जानलेवा नहीं होगी. लेकिन अगर कोई इनसे भी बड़ा वैरिएंट देश में दस्तक देता है तो तीसरी लहर आ सकती है. वैज्ञानिक यह सोच रहे हैं कि मौजूदा इम्युनिटी, नए वैरिएंट के लिए कारगर होगी या नहीं.

तीसरी लहर का देश में होगी बेअसर!

कोरोना के डरावने माहौल में प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल का दावा किसी सुखद अहसास से कम नहीं है. उनके दावे को हल्के में भी नहीं लिया जा सकता क्योंकि कोरोना काल के दौरान प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल ने जितने भी दावे और गणनाएं कीं वो सच की कसौटी के करीब रहे. अब उनका दावा है जिस तरह से देश में कोरोना के मामले दिख रहे हैं, जिस उमंग और जोश के साथ वैक्सीनेशन सेंटर पर भीड़ नजर आ रही है, कहीं से भी नहीं लगता कि अब कोरोना खतरे की घंटी बजा सकता है.

केरल में घटने लगेंगे कोरोना केस

मनींद्र अग्रवाल ने गुड न्यूज टुडे से बातचीत में कहा, 'अभी नहीं लग रहा कि खतरे की घंटी है. केरल को छड़ोकर 10 हजार से कम हैं केस हैं. केवल केरल में संख्या बढ़ी है. उसका कारण इम्युनिटी का स्तर काफी कम होना है. सीरो सर्वे के मुताबिक जून तक 45 फीसदी इम्युनिटी थी. वहीं उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में 70 फीसदी से ज्यादा इम्युनिटी थी. धीरे-धीरे केरल में संख्या कम होने लगेगी.'

बेहतर इम्युनिटी करेगी बच्चों की रक्षा!

तमाम दावों के बाद भी अगर मान लीजिए कि तीसरी लहर की कोई भी आहट होती है तो विशेषज्ञों के मुताबिक बच्चों को लेकर बहुत ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है. प्रोफेसर मनींद्र अग्रवाल का कहना है कि बच्चों में बेहतर इम्युनिटी होती है, इसलिए बच्चों को लेकर ज्यादा चिंता करने की जरूरत नहीं है.

कोरोना प्रोटोकॉल का पालन अब भी बेहद जरूरी!

भले ही कोरोना को लेकर देशभर में वैक्सीनेशन अभियान तेज हो गया हो, बच्चों के लिए भी बनाई जा रही कई वैक्सीन लूप में हों लेकिन सावधानी बेहद जरूरी है. कोरोना को लेकर ये बहुत ही सुखद खबर है लेकिन इसे और ज्यादा सुखद बनाए रखने के लिए अभी भी दो गज की दूरी और मास्क बहुत जरूरी है. आज भी कोरोना की सबसे बड़ी काट सावधानी ही है.

(कानपुर से कुमार अभिषेक की रिपोर्ट)