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Covaxin ने बच्चों के लिए तैयार किया टीका, बच्चों के ये टीके भी पाइपलाइन में

भारत में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का रास्ता लगाने का रास्ता साफ हो गया है. क्योंकि सबजेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए फिट पाया है. फिलहाल DCGI की मंजूरी का इंतजार है. इस समय बच्चों के तीन और ऐसे टीके 'कोवोवैक्स', जॉनसन एंड जॉनसन, 'कॉर्बेवैक्स' हैं, जो पाइपलाइन में हैं.

Covid Vaccine Covid Vaccine
हाइलाइट्स
  • बच्चों को लग सकेगी कोवैक्सिन

  • कोवैक्सीन को फिलहाल DCGI की मंजूरी का इंतजार

  • 'कोवोवैक्स', जॉनसन एंड जॉनसन, 'कॉर्बेवैक्स' पाइपलाइन में हैं

भारत में बच्चों को कोरोना वैक्सीन लगाने का रास्ता लगाने का रास्ता साफ हो गया है. क्योंकि सबजेक्ट एक्सपर्ट कमिटी ने कोवैक्सीन को आपातकालीन इस्तेमाल के लिए फिट पाया है और इसे Drugs Controller General of India के पास फाइनल क्लियरेंस के लिए भेज दिया गया है. उम्मीद है अगले 1 से 2 महीने के अंदर बच्चों को कोवैक्सीन लगना शुरू हो जायेगी.

कोवैक्सीन को भारत बायोटेक और ICMR ने मिलकर बनाया है. बड़ों की तरह बच्चों को भी कोवैक्सीन की दो डोज़ दी जाएंगी. दोनों डोज़ के बीच 20 दिन का अंतर होगा. इस पर बाकी की गाइडलाइन्स भारत सरकार की तरफ से जल्द ही जारी कर दी जायेंगी.

बच्चों के ये टीके भी पाइपलाइन में

  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया का 'कोवोवैक्स'
  • जॉनसन एंड जॉनसन
  • बायोलॉजिकन-ई का 'कॉर्बेवैक्स'

पुणे स्थित केईएम अस्पताल और अनुसंधान केंद्र 10 परीक्षण स्थलों पर दो आयु वर्ग समूहों के 920 बच्चों के सैंपल के साथ 2 से17 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए 'कोवोवैक्स' के 2-3 चरण के क्लिनिकल ट्रायल के लिए नामांकन शुरू कर दिया है. पहले समूह के लिए परीक्षण 2 से 11 वर्ष के बीच के लोगों के लिए आयोजित किया जाएगा और दूसरा 12 से 17 वर्ष के बीच के कोवोवैक्स को अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी नोवावैक्स द्वारा विकसित किया गया है। वैक्सीन का निर्माण कर रहा सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया भारत में इसका परीक्षण करेगा.

J&J को फ़िलहाल भारत में 12-17 साल के बच्चों के लिए COVID-19 वैक्सीन परीक्षण करने की अनुमति का इंतज़ार है. इसे अपने एकल खुराक वाले टीके के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी पहले ही मिल चुकी है, जिसकी आपूर्ति हैदराबाद स्थित बायोलॉजिकल ई लिमिटेड के साथ एक समझौते के जरिए की जाएगी. 

इससे पहले सितंबर में, डीजीसीआई ने कुछ शर्तों के साथ 5 से18 साल के बच्चों के लिए कॉर्बेवैक्स के 2-3 चरण के क्लिनिकल ट्रायल करने के लिए बायोलाजिकल ई को अनुमति दी थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, कॉर्बेवैक्स का फेज 3 ट्रायल चल रहा है.
 

अमेरिका-ब्रिटेन में क्या है स्थ‍ित‍ि

कनाडा-अमेरिका: 12 साल से ज्यादा उम्र के बच्चों को फाइजर का टीका लगना शुरू हो गया है.

ब्रिटेन: 12 साल तक के बीमार बच्चों को ही फाइजर के टीके मिल रहे हैं.

इजराइल: कोरोना की वैक्सीन सभी बच्चों को दी जा रही है. माल्टा, चिली में भी बच्चों के लिए टीकाकरण की शुरुआत हो चुकी है.


देश में बच्चों के लिए 4 वैक्सीन, 2 को मिली मंजूरी
2 से 18 साल के बच्चों के लिए कोवैक्सीन को मंजूरी मिल चुकी है. वैक्सीन की दो डोज बच्चों को लगेंगे. कंपनी महीने में 5 करोड़ से ज्यादा डोज बनाने का दावा कर रही है.

12 साल से बड़े बच्चों को लिए जायकोव-डी को मंजूरी मिल चुकी है. इसके तीन डोज लगेंगे. कंपनी महीने में 1 करोड़ टीके बनाने का दावा कर रही है.

'कोवावैक्स' को सीरम इंस्टीट्यूट बना रहा है. देश में 23 जगह इसके ट्रायल होने हैं.

'कोर्बेवैक्स' इसे हैदराबाद की कंपनी बायोलॉजिकन-ई बना रही है. देश में 10 जगह इसके ट्रायल होंगे.