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चुन्नामल हवेली : चांदनी चौक का वो इलाका जहां हुई थी शाहरुख खान की वेब सीरीज 'फौजी' की शूटिंग

लाला चुन्नामल पुरानी दिल्ली के सबसे रईस व्यापारियों में से एक थे. वह ना सिर्फ इस हवेली के मालिक थे बल्कि उन्होंने अपनी हवेली से कुछ दूर फतेहपुरी मस्जिद की इमारत को भी खरीदा था जिसे 17वीं शताब्दी में शाहजहां की पत्नी ने बनवाया था. 1857 में ब्रिटिश सरकार फतेहपुरी मस्जिद को तोड़ना चाहती थी उस वक्त लाला चुन्नामल ने मस्जिद की इमारत को 19,000 रुपये में खरीदा था और उसे सहेज कर रखा था. पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के दिल कटरा नील में बसी चुन्नामल हवेली आखिरी ऐसी इमारत है जहां चुन्नामल की छठी पीढ़ी का परिवार रहता है.

Chunnamal Haveli Chunnamal Haveli
हाइलाइट्स
  • चांदनी चौक का वह इलाका जहां से दिखता है पूरा आसमान

  • शाहरुख खान की वेब सीरीज फौजी की हुई शूटिंग

  • हवेली में बसता है 10 लोगों का परिवार

चुन्नामल हवेली, एक ऐसी विरासत जो 150 साल से ज्यादा होने के बावजूद जिंदा है. यह घर है अनिल परशेड का,जहां वो अपने परिवार के साथ रहते हैं. चांदनी चौक की तंग गलियों में बनी ये इमारत अपने साथ कई कहानियां समेटे हुए हैं. इतिहास के पन्नों में झांके तो 128 से ज्यादा कमरे वाली ये हवेली लाला चुन्नामल की विरासत है. लाला चुन्नामल चांदनी चौक के कपड़ों के व्यापारी थे और ब्रिटिश इंडिया के पहले मुंसिपल कमिश्नर भी थे. चुन्नामल आधी से ज्यादा पुरानी दिल्ली के मालिक थे. अब यह हवेली एक लिविंग हेरिटेज है जिसकी हिफाजत अनिल परशेड कर रहे हैं. रखरखाव में आने वाली तमाम परेशानियों के बावजूद अनिल परशेड और उनका परिवार अपनी पुश्तैनी हवेली को अनमोल प्यार से घर बनाए हुए हैं.

सबसे रईस व्यापारियों में से एक थे लाला चुन्नामल

लाला चुन्नामल पुरानी दिल्ली के सबसे रईस व्यापारियों में से एक थे. वह ना सिर्फ इस हवेली के मालिक थे बल्कि उन्होंने अपनी हवेली से कुछ दूर फतेहपुरी मस्जिद की इमारत को भी खरीदा था जिसे 17वीं शताब्दी में शाहजहां की पत्नी ने बनवाया था. 1857 में ब्रिटिश सरकार फतेहपुरी मस्जिद को तोड़ना चाहती थी उस वक्त लाला चुन्नामल ने मस्जिद की इमारत को 19,000 रुपये में खरीदा था और उसे सहेज कर रखा था. पुरानी दिल्ली के चांदनी चौक के दिल कटरा नील में बसी चुन्नामल हवेली आखिरी ऐसी इमारत है जहां चुन्नामल की छठी पीढ़ी का परिवार रहता है. हवेली के बाकी वारिस अपने-अपने हिस्सों में ताला लगाकर दिल्ली के दूसरे इलाकों में रहने चले गए लेकिन अनिल परशेड का परिवार आज भी पुरानी दिल्ली के दिल में, चुन्नामल हवेली में बसता है. लाला चुन्नामल हवेली चांदनी चौक इलाके में काफी मशहूर हैं. अनिल परशेड बताते हैं कि पूर्व प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू और इंदिरा गांधी भी इस हवेली में भोज के लिए आया करते थे. हॉलीवुड अभिनेत्री केट विंसलेट भी इस हवेली में आ चुकी है.

चांदनी चौक का वह इलाका जहां से दिखता है पूरा आसमान
चांदनी चौक के कटरा नील में बनी चुन्नामल हवेली अपने अंदर इतिहास की खुशबू समाए हुए हैं. 128 से ज्यादा कमरों की यह इमारत आज भी एक घर बनी हुई है. इसमें रहने वाले परशेड परिवार की वजह से, 10 लोगों का परिवार इस हवेली में बसता है. नीचे कम से कम 130 दुकाने हैं जिसके ऊपर एक सीढ़ियों से जाता रास्ता है जो स्वागत करता है एक खूबसूरत बेल्जियम शीशे के साथ. हवेली में बड़े-बड़े आंगन है जिसके लिए अनिल परशेड कहानी भी बताते हैं कि इन्हीं जगहों में पीढ़ी दर पीढ़ी फुटबॉल बास्केटबॉल हर तरीके के खेल जैसे लंगड़ी टांग छुपन छुपाई खेले गए हैं. अनिल जी की बहू स्वेच्छा बताती हैं कि उन्होंने इस घर में बचपन नहीं मरने दिया उनके बच्चे इन्हीं आंगनों में खेलते हुए बड़े हुए. ऊपर की ओर हवेली में बढ़ते हैं तो एक ओपन टेरेस गार्डन भी है जो इस हवेली में रहे लोगों की कहानियां खुद में छुपाए हुए हैं. पूरी चांदनी चौक से आसमान साफ दिखे न दिखे पर चुन्नामल हवेली से आसमान साफ नजर आता है, उल्टे हाथ पर देखें तो हवेली का लिविंग रूम है, वह कमरा है जो पूरा इतिहास खुद में लिए तरह-तरह की कहानी सुनाता हुआ विराजमान है. कमरे में घुसते हैं तो नायाब ऐतिहासिक वस्तुओं पर नजर पड़ती है. इस कमरे में लगे यह झूमर लाला चुन्नामल के जमाने के हैं, जो इस हवेली की खूबसूरती में चार चांद लगाते हैं. कमरे में बड़े-बड़े बेल्जियन शीशे लगे हुए हैं जिन की चमक इतने साल बाद भी बरकरार है.

परशेड परिवार घर की एक-एक वस्तु का रखते हैं विशेष ध्यान
चुन्नामल हवेली में बसने वाला परशेड परिवार इस हवेली को जिंदा रखे हुए हैं. घर की एक-एक वस्तु उनके लिए अनमोल है, जिसका ध्यान रखने के लिए घर का हर शख्स तैयार रहता है. अनिल जी बताते हैं कि जो भी मरम्मत का काम होता है उसमें वह बारीकी से ध्यान रखते हैं कि जो इस जगह की असलियत है उसे बरकरार रखा जाए. दीवार पर लगी टाइल्स अब पुरानी जैसी नहीं मिलती इनकी मरम्मत कराना मुश्किल काम है, हवेली की देखरेख में लगे अनिल जी और उनका परिवार काफी रिसर्च के बाद ही मरम्मत का काम कराते हैं. कमरे में लगी घड़ी जिसका ध्यान आज नंदिनी जी रखती है, वह बताती है कि कैसे उन्हें इसमें चाबी भरते वक्त काफी सतर्क होना पड़ता है ताकि इस बेशकीमती घड़ी को कोई भी नुकसान ना हो. कमरे की तमाम वस्तुओं को अनिल जी ने सहेज कर रखा है. 

शाहरुख खान की वेब सीरीज फौजी की हुई थी शूटिंग
अनिल जी की बहू स्वेच्छा बताती हैं कि उनकी शादी का रिसेप्शन यही हुआ था. इस हवेली में नामी-गिरामी लोगों का आना जाना लगा रहता है. शाहरुख खान की सीरीज फौजी का कुछ हिस्सा भी यहां शूट हुआ है. वही फिल्म दिल्ली-6 की मीटिंग भी यहां हुई है. अनिल जी के पास कई किस्से हैं सुनाने के लिए. जब भी परिवार उनसे यहां की दीवारों, कोनों, अलग-अलग हिस्सों के बारे में पूछता है वह इन जगहों का इतिहास खुशी से बताते हैं. उनका असीम प्यार इस हवेली के लिए प्रेरणा है, जो इतिहास को सहेजने की सीख देता है. परशेड परिवार चाहता है कि सरकार भी उनका इस कार्य में सहयोग करें ताकि वह इस ऐतिहासिक विरासत को संभाल सकें और आने वाली पीढ़ियों को इसके इतिहास के बारे में पता चल सके.