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अमेरिका में 12-17 वर्ष तक के 56% बच्चों को टीके की पहली डोज लगी, 45 फीसदी को लगी Second Dose

सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार अमेरिका में अब तक 12 से 17 वर्ष के लगभग 56 फीसदी बच्चों को वैक्सीन की पहली खुराक जबकि 45 फीसदी बच्चों को दूसरी डोज लग चुकी है.

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हाइलाइट्स
  • 12 से 17 वर्ष के 56 फीसदी बच्चों को वैक्सीन की पहली खुराक लगी

  • 45 फीसदी बच्चों को दूसरी डोज लगी

  • भारत में अगले माह से बच्चों के टीके संभव

अमेरिका में कोरोना वायरस का डेल्टा वैरिएंट घातक असर दिखा रहा है. लेकिन स्कूल और अन्य सार्वजनिक स्थान खुलने के बाद बाइडेन सरकार ने बच्चों को महामारी से सुरक्षा कवच मुहैया कराने का युद्धस्तर पर अभियान भी छेड़ा हुआ है. सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (सीडीसी) के अनुसार अमेरिका में अब तक 12 से 17 वर्ष के लगभग 56 फीसदी बच्चों को वैक्सीन की पहली खुराक जबकि 45 फीसदी बच्चों को दूसरी डोज लग चुकी है.

सरकार ने अभिभावकों में बच्चों को वैक्सीन लगवाने को लेकर झिझक को दूर करने के लिए जागरूकता अभियान भी छेड़ा है. अमेरिका दुनिया में बच्चों के टीके को मंजूरी देने वाले पहला देश था. मई में 12 वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को टीके लगने शुरू हुए. उधर, अमेरिका में अब तक कोरोना से 675722 लोगों की मौत हो चुकी है. 1918 के फ्लू से अमेरिका में 675000 की मौत हुई थी.

6 माह से 5 वर्ष तक के बच्चों का डेटा जल्द
काइजर फैमिली सर्वे के अनुसार 12 से 17 वर्ष आयु वर्ग के लगभग 20 फीसदी अभिभावकों में बच्चों को टीका लगवाने की झिझक भी है. फाइजर का कहना है कि छह माह से 5 वर्ष तक के बच्चों पर उसकी वैक्सीन का डेटा जल्द सामने आने वाला है. फाइजर के सीईओ अल्बर्ट बोरिया का कहना है कि परीक्षणों के सकारात्मक नतीजे सामने आए हैं. उम्मीद है कि परीक्षण के अंतिम परिणाम भी बेहतर ही होंगे.

5 से 11 वर्ष की उम्र के बच्चों में बढ़ जाती है इम्युनिटी
फाइजर के अनुसार 5-11 वर्ष तक के बच्चों में कोरोना के प्रति इम्युनिटी में उसकी वैक्सीन कारगर रही है. टीके के बाद बच्चों में प्रतिरोध क्षमता में 66 फीसदी से अधिक विकास देखा गया है. कंपनी जल्द ही वैक्सीन के इस्तेमाल की मंजूरी के लिए दवा नियामक को आवेदन करेगी.


भारत में अगले माह से बच्चों के टीके संभव
यूनिसेफ के आंकड़ों के अनुसार भारत में बच्चों की आबादी लगभग 25 करोड़ है. ताजा राष्ट्रीय सीरो सर्वे के अनुसार बच्चों की लगभग 60 फीसदी आबादी संक्रमण के प्रति संवेदनशाील है. दवा नियामक डीसीजीआई ने स्वदेशी कैडिला कंपनी की जायकोव-डी वैक्सीन को मंजूरी प्रदान की है. ये वैक्सीन 12 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के बच्चों को लगाई जा सकेगी. संभावना है कि भारत में अगले माह से बच्चों का टीकाकरण अभियान शुरू किया जा सकता है.