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Good News: भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी डेंगू की दवा, ह्यूमन ट्रायल के बाद बाजार में होगी उपलब्ध

डेंगू के इलाज के लिए दवा की रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. लखनऊ के केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान के वैज्ञानिकों ने दो ड्रग खोज निकाले हैं. दवा का पहला सफल ट्रायल चूहों पर किया गया था. जल्द ही ह्यूमन ट्रायल किया जाएगा, जिसके बाद लोगों के लिए यह दवा उपलब्ध हो पाएगी.

भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी डेंगू की दवा भारतीय वैज्ञानिकों ने खोजी डेंगू की दवा
हाइलाइट्स
  • डेंगू दवा का पहला सफल ट्रायल चूहों पर किया गया

  • भारतीय वैज्ञानिकों को डेंगू के खिलाफ मिली बड़ी सफलता

  • ह्यूमन ट्रायल के बाद आएगी बाजार में

डेंगू के इलाज के लिए दवा की रिसर्च कर रहे वैज्ञानिकों को बड़ी सफलता हाथ लगी है. लखनऊ के केंद्रीय औषधि अनुसंधान संस्थान (सीएसआईआर-सीडीआरआई) के वैज्ञा​निकों ने दो ड्रग खोज निकाले हैं. इसके प्रथम चरण में चूहों पर किया गया ट्रायल सफल पाया गया है. जल्द ही इंसान पर भी इसका परीक्षण होगा.  

सितंबर माह में बढ़ता डेंगू का खतरा 
हर साल सितंबर आते-आते डेंगू का खतरा मंडराने लगता है. शुरुआत में तो यह बुखार सामान्‍य लगता है, लेक‍िन सही इलाज की कमी और देरी के चलते ये जानलेवा हो जाता है. इसे लेकर लखनऊ के केंद्रीय औषधि एवं अनुसंधान संस्थान, सीएसआईआर-सीडीआरआई के वैज्ञानिकों ने डेंगू के इलाज के लिए दो ड्रग खोज निकाले हैं, जिसका चूहों पर सफल परीक्षण किया गया है.  

ह्यूमन ट्रायल की तैयारी 
हालांकि, यह ड्रग अभी तक थ्रोमबोसेस के इलाज के लिए प्रयोग किया जाता रहा है. यह परीक्षण अभी चूहों पर किया गया है, जल्द ही ह्यूमन पर ट्रायल करने के बाद लोगों के लिए दवा उपलब्ध हो पाएगी. सीडीआरआई के निदेशक प्रोफ़ेसर तपस कुंडू ने बताया कि यह दवाएं डेंगू मरीजों पर भी  पूरी तरह कारगर होंगी. ह्यूमन ट्रायल के बाद दवा को पेटेंट करा कर शीघ्र ही बाजार में उतारा जाएगा. उन्होंने कहा कि हालांकि पेटेंट ना होने की वजह से दोनों ड्रग का नाम का खुलासा नहीं किया जाएगा. लेकिन सीडीआरआई के लिए यह बड़ी उपलब्धि है. 


हर वर्ष बड़ी संख्या में जाती हैं जाने 
बता दें भारत में डेंगू से मरने वाले लोगों की संख्या काफी है. कारण है डेंगू के इलाज के लिए कई सटीक दवा नहीं है. सिर्फ उसके लक्षणों के आधार पर इलाज किया जाता रहा है. ऐसे में वैज्ञानिकों की यह खोज देश के साथ ही साथ दुनिया भर के मरीजों के लिए काफी बड़ी और अहम मानी जा रही है.