two more beaches of india got blue flag
two more beaches of india got blue flag भारत ने एक और कीर्तिमान अपने नाम कर लिया है.पर्यावरण मंत्रालय ने बताया कि भारत में दो और समुद्र तटों (Beaches) को 'ब्लू फ्लैग' सर्टिफिकेशन से सम्मानित किया गया है, जो एक इंटरनेशनल इको-लेबल टैग है. अब देश में ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन वाले बीचों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है. इस साल सर्टिफिकेट प्राप्त करने वाले दो समुद्र तट तमिलनाडु में कोवलम और पुडुचेरी में ईडन हैं.
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट देने वाले फाउंडेशन फॉर एनवायरनमेंट एजुकेशन (FEE), डेनमार्क ने आठ नामित समुद्र तटों – शिवराजपुर-गुजरात, घोघला-दीव, कासरकोड और पदुबिद्री-कर्नाटक, कप्पड-केरल, रुशिकोंडा- आंध्र के लिए भी एक बार फिर से सर्टिफिकेशन दिया है. मंत्रालय ने बताया कि गोल्डन-ओडिशा और राधानगर- अंडमान और निकोबार को पिछले साल ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट से सम्मानित किया गया था. इन आठ समुद्र तटों को 6 अक्टूबर, 2020 को ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेशन मिला है.
भूपेंद्र यादव ने जताई खुशी
केंद्रीय पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव (Union Environment Minister Bhupendra Yadav) ने खुशी व्यक्त कर कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्वच्छ और हरित भारत की दिशा में भारत की यात्रा में एक और मील का पत्थर है. उन्होंने कहा कि यह घोषणा करते हुए खुशी हो रही है कि भारत में अब इस साल कोवलम और ईडन समुद्र तटों के साथ 10 अंतर्राष्ट्रीय ब्लू फ्लैग समुद्र तट हैं और 8 समुद्र तटों के लिए पुन: प्रमाणन है, जिन्हें 2020 में टैग मिला था.
क्यों मिलता है ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट?
ब्लू फ्लैग सर्टिफिकेट विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त इको-लेबल है, जो चार प्रमुखों में 33 कड़े मानदंडों के आधार पर दिया गया है. जो पर्यावरण शिक्षा और सूचना, स्नान के पानी की गुणवत्ता, पर्यावरण प्रबंधन और संरक्षण और समुद्र तटों में सुरक्षा और सेवाएं हैं. ब्लू फ्लैग बीच एक इको-टूरिज्म मॉडल है जो पर्यटकों/समुद्र तट पर जाने वालों को स्वच्छ नहाने का पानी, सुविधाएं, एक सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण और क्षेत्र का सतत विकास प्रदान करने का प्रयास करता है.
मंत्रालय ने कहा कि ब्लू फ्लैग मिलना 33 कड़े मानदंडों और समुद्र तट के अच्छे स्वास्थ्य के 100 प्रतिशत अनुपालन का संकेत है. भारत ने जून 2018 में विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) पर अपने समुद्र तट सफाई अभियान 'आई एम सेविंग माय बीच' को एक साथ 13 तटीय राज्यों में शुरू करके और उसके बाद मंत्रालय के प्रतिष्ठित कार्यक्रम समुद्र तट पर्यावरण और सौंदर्यशास्त्र को लागू करके तटीय क्षेत्रों के सतत विकास की अपनी यात्रा शुरू की थी.