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कोरोना वैक्सीन लगवाने वाली महिलाओं में पुरुषों से ज्यादा बनती हैं एंटीबॉडी

बीते दिसंबर से जुलाई के दौरान इजराइल में 4800 हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स पर किए गए परीक्षण में ये बातें सामने आई हैं. इन सभी को फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन दी गई थी.

 इम्युनिटी पर स्टडी : महिलाओं में बीमारी से लड़ने की ताकत ज्यादा इम्युनिटी पर स्टडी : महिलाओं में बीमारी से लड़ने की ताकत ज्यादा
हाइलाइट्स
  • द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे अध्ययन में सामने आई बात

  • इजराइल में 4800 हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स पर किए गए परीक्षण

महिलाएं जुझारू तो होती ही हैं और उनके शरीर में नुकसान पहुंचाने वाले बाहरी जीव से लड़ने की क्षमता भी ज्यादा होती है. हाल ही में हुए एक अध्ययन ने इस बात को साबित किया है. अध्ययन में कहा गया कि कोरोना वायरस के खिलाफ जंग में जिन महिलाओं ने वैक्सीन लगवाई है, उनमें वैक्सीन लगवा चुके पुरुषों के मुकाबले ज्यादा एंटीबॉडी बनती है.

द न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में छपे अध्ययन के मुताबिक, महिलाओं के शरीर में पुरुषों की तुलना में आंतरिक सुरक्षा का स्तर ऊंचा होता है. बीते दिसंबर से जुलाई के दौरान इजराइल में 4800 हेल्थ केयर प्रोफेशनल्स पर किए गए परीक्षण में ये बातें सामने आई हैं. इन सभी को फाइजर-बायोएनटेक की वैक्सीन दी गई थी. जांच में यह भी पाया गया कि 65 की या इससे ऊपर की उम्र महिलाओं में एंटीबॉडी ज्यादा बनती है. 65 पार वाले पुरुषों में इम्युनोग्लोब्युलिन एंटीबॉडी का स्तर 37 फीसदी है तो वहीं महिलाओं में एंटीबॉडी का स्तर 46 फीसदी पाया गया. 

वैक्सीन के साइड इफेक्ट पर एक और स्टडी की अगुवाई करने वालीं एपिडेमोलॉजिस्ट जूलियन गी कहती हैं कि महिलाओं में आम तौर पर बेहद मजबूत इम्यून रिस्पॉन्स सिस्टम होता है. उनमें एंटीबॉडी का स्तर ऊंचा होने के साथ-साथ प्रतिरक्षी भूमिका निभाने वाले टी-सेल्स काफी सक्रिय होते हैं. इसीलिए महिलाएं संक्रमण पर जल्द काबू पा लेती हैं.