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India GDP Growth: बुलेट ट्रेन की रफ्तार से बढ़ रही हमारे देश की अर्थव्यवस्था, वित्त वर्ष 2023-24 में 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी जीडीपी

Indian Economy: GDP किसी भी देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है. NSO के आंकड़ों के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है. यह बहुत अच्छी खबर है.

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हाइलाइट्स
  • वित्त वर्ष 2022-23 में 7 प्रतिशत रही थी जीडीपी वृद्धि दर 

  • नेशनल स्टेटिकल ऑफिस ने जारी किए आंकड़े

GDP Growth: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे 4 जून को आएंगे. उससे पहले हमारे देश की अर्थव्यवस्था के लिए अच्छी खबर आई है. जी हां, हमारे देश की अर्थव्यवस्था इन दिनों बुलेट ट्रेन की रफ्तार से आगे बढ़ रही है. नेशनल स्टेटिकल ऑफिस (NSO) यानी राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में देश की जीडीपी 8.2 फीसदी की दर से बढ़ी है.

NSO आंकड़ों के मुताबिक देश की जीडीपी वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 7.8 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 6.2 प्रतिशत थी. वित्त वर्ष 2022-23 में जीडीपी वृद्धि दर 7 प्रतिशत रही थी. एनएसओ ने अपने दूसरे अग्रिम अनुमान में वित्त वर्ष 2023-24 के लिए जीडीपी वृद्धि दर 7.7 प्रतिशत रहने की संभावना जताई थी. 

RBI के अनुमान से ज्‍यादा हुई वृद्धि
NSO की ओर से शुक्रवार को जारी डेटा के मुताबिक 31 मार्च 2024 को समाप्त तिमाही में भारत की जीडीपी की वृद्धि दर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुमान 6.9 फीसदी से ज्‍यादा हुई है. इंडिया रेटिंग्स एंड रिसर्च ने मार्च तिमाही के लिए देश की जीडीपी वृद्धि दर 6.2 फीसदी और 2023-24 वित्तीय वर्ष के लिए लगभग 6.9-7 फीसदी रहने का अनुमान लगाया था.

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NSO के मुताबिक बीते वित्त वर्ष की पहली तीन तिमाही की बात करें तो हमारे देश की जीडीपी जून तिमाही में 8.2 फीसदी, सितंबर तिमाही में 8.1 फीसदी और दिसंबर तिमाही में 8.4 फीसदी की दर से बढ़ी है. चौथी तिमाही का ग्रोथ रेट 7.8 फीसदी रहा है.

बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर रही अच्छी 
आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल महीने में हमारे देश में प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद और बिजली का उत्पादन बेहतर होने से बुनियादी उद्योगों की वृद्धि दर अच्छी रही है. मार्च में इन आठ उद्योगों की वृद्धि दर छह फीसदी थी, जबकि एक साल पहले अप्रैल, 2023 में यह 4.6 प्रतिशत रही थी.

कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली को बुनियादी उद्योगों में गिना जाता है. इनकी देश के औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) में सम्मिलित रूप से 40.27 प्रतिशत हिस्सेदारी है.

चीन से बहुत आगे निकला भारत
कोरोना काल के बाद से चीन की अर्थव्यवस्था खस्ताहाल है. चीनी अर्थव्यवस्था गिरते जीडीपी से जूझ रहा है. वित्त वर्ष 2023-24 में चीन की जीडीपी लगभग 4.5 फीसदी के आसपास रही है. चीन की आर्थिक वृद्धि दर जनवरी-मार्च तिमाही में 5.3 फीसदी रही है.आईएमएफ ने आगाह किया है कि 2029 तक यह घटकर 3.3 फीसदी रह जाएगी.

क्या है जीडीपी
जीडीपी (GDP) यानी सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) किसी भी देश की सीमाओं के भीतर एक निश्चित अवधि के दौरान उत्पादित हुई सभी अंतिम वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक मूल्य होता है. समग्र घरलू उत्पादन की एक व्यापक माप के रूप में यह देश की आर्थिक सेहत के एक व्यापक स्कोरकार्ड के रूप में काम करता है. हालांकि जीडीपी की गणना आम तौर पर वार्षिक आधार पर की जाती है लेकिन कभी-कभी इसकी गणना त्रैमासिक आधार पर भी की जाती है.