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Licious को बिलियन डॉलर्स की कंपनी बनाने वाले विवेक और अभय की कहानी

ऑनलाइन मीट डिलिवरी कंपनी लीशियस यूनिकॉर्न बई गई है. इस कंपनी ने फंडिंग राउंड वैल्यूएशन पर 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए हैं. क अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाली स्टार्ट अप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है.

लीशियस के फाउंडर्स विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा लीशियस के फाउंडर्स विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा
हाइलाइट्स
  • मीट डिलिवरी कंपनी Licious यूनिकॉर्न बनी

  • लीशियस इस साल यूनिकॉर्न बनने वाली 29वीं स्टार्ट अप कंपनी

  • फंडिंग राउंड में वैल्यूएशन पर 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए

ऑनलाइन मीट डिलिवरी कंपनी लीशियस यूनिकॉर्न बई गई है. एक अरब डॉलर से ज्यादा वैल्यूएशन वाली स्टार्ट अप कंपनियों को यूनिकॉर्न कहा जाता है.  बताया जा रहा है कि इस कंपनी ने फंडिंग राउंड वैल्यूएशन  पर 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए हैं.  लीशियस यूनिकॉर्न बनने वाली डायरेक्ट-टु-कंज्यूमर (D2C) सेक्टर की शुरुआती कंपनियों में शामिल हैं। लीशियस इस साल यूनिकॉर्न बनने वाली देश की 29वीं स्टार्ट अप कंपनी है.

Licious की यूनिकॉर्न क्लब में एंट्री

लीशियस के फाउंडर्स विवेक गुप्ता और अभय हंजुरा का कहना है कि  ''D2C सेगमेंट के लिए फंडिंग में काफी बढ़ोतरी हुई है लेकिन FMCG को अभी भी एक आकर्षक कैटेगरी नहीं माना जाता.  हमें उम्मीद है कि लीशियस के यूनिकॉर्न बनने से इसमें बदलाव होगा." देश में फ्रेश मीट और सीफूड सेक्टर अभी तक काफी हद तक संगठित नहीं है और इसमें 40 अरब डॉलर का अवसर है.

1 अरब डॉलर के वैल्यूएशन पर 5.2 करोड़ डॉलर जुटाए 

बेंगलुरु के इस स्टार्टअप ने इस साल की शुरुआत में अपने एक हजार से ज्यादा कर्मचारियों को ईएसओपी एलोकेट किए थे. इसके बाद अगस्त में 30 करोड़ रुपये का बायबैक किया गया था. कंपनी का कारोबार 14 शहरों में फैला है और पिछले एक साल में इसमें 500 फीसदी बढ़ोतरी हुई है.  कंपनी अब तक 20 लाख से अधिक यूनीक कस्टमर्स को सामान की आपूर्ति कर चुकी है.  जुलाई में कपनी ने सिरीज एफ फंडिंग में 19.2 करोड़ डॉलर जुटाए थे. 

Licious इस साल यूनिकॉर्न बनने वाली देश की 29वीं स्टार्ट अप कंपनी है

इसने जुलाई में टेमासेक और मल्टीपल्स की अगुवाई में सीरीज F के फंडिंग राउंड में 19.2 करोड़ रुपये हासिल किए थे. यह देश में इस वर्ष स्टार्टअप्स को मिलने वाली फंडिंग में बढ़ोतरी होने से यूनिकॉर्न बनने वाला 29वां स्टार्टअप है.