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ब्लैकबोर्ड नहीं, दीवारों-चट्टानों पर रंगीन चित्रों के जरिए होती है पढ़ाई, इस शिक्षक ने बदली स्कूल की तस्वीर

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ में एक सरकारी स्कूल टीचर ने पढ़ाई की दशा और दिशा दोनों बदल दी है. डूडा गांव के प्राइमरी स्कूल में जहां पहले बच्चे भागते थे, वहीं अब पढ़ने के लिए उन्हें एक दिन का भी छुट्टी बुरी लगती है.

चट्टानों पर रंगीन पेंट से उकेरे गए हैं महीनों के नाम. चट्टानों पर रंगीन पेंट से उकेरे गए हैं महीनों के नाम.
हाइलाइट्स
  • नए प्रयोगों से पढ़ाई में बढ़ा रहे दिलचस्पी

  • स्कूलों में दिखती है छात्र-छात्राओं की भीड़

  • अब पढ़ाई को लेकर जागरूक हो रहे हैं बच्चे

मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ स्थित डूडा गांव के स्कूल की तस्वीर एक शिक्षक ने पूरी तरह से बदल दी है. यहां के स्कूल में पढ़ने के लिए पहले बच्चों की कमी थी. बच्चे न अपनी पढ़ाई को लेकर सजग थे, न ही उनकी पढ़ाई में कोई दिलचस्पी थी. लेकिन कहते हैं कि एक शिक्षक देश का निर्माता होता है.

जब से टीचर संजय कुमार जैन इस स्कूल में आए, पूरे स्कूल का माहौल ही बदल गया. अब बच्चे खेल-खेल में पढ़ाई सीख रहे हैं. संजय कुमार जैन अनोखे तरीके से पढ़ाते हैं. कहीं चट्टानों पर वर्णमाला लिखी है, तो कहीं पेंट के जरिए अनोखी कलाकृतियां बनाई गई हैं, जिन्हें देखकर ही बच्चे निहाल हो जाते हैं.

डूडा गांव के इस स्कूल में कई कमरे हैं. लेकिन बच्चों की क्लास खुले आकाश के नीचे चलती है. ब्लैक बोर्ड बनती हैं यहां की दीवारें. यहां के चट्टानों पर पेंटिंग की गई है, जिन पर शब्द उकेरे गए हैं. दीवारों पर पेंट के जरिए बच्चों की पाठन सामग्री लिखी गई है. बच्चे मजे लेकर पढ़ाई भी कर रहे हैं.

हर दिन नए प्रयोग करते हैं संजय 

संजय कुमार जैन ने बच्चों को पढ़ाना ही अपना मकसद बना लिया है. बच्चों को पढ़ाने के लिए शिक्षक संजय जैन कोई ना कोई तरकीब बनाते रहते हैं, जिससे बच्चे पढ़ाई भी करें और मस्ती भी. बच्चे कैसे पढ़ें और बढ़ें, इसी के लिए शिक्षक संजय जैन नित नए नए प्रयोग करते रहते हैं.

 

बच्चों को पढ़ाते संजय कुमार जैन.

खुशनुमा माहौल में पढ़ाई कर रहे हैं बच्चे

संजय कभी कोलाज बनाकर तो कभी कविता बनाकर, खुशनुमा माहौल में बच्चे भी खूब सीखा रहे हैं. संजय जैन के साथी भी उनकी इस कला के मुरीद हैं. संजय जैन जब डूडा गांव के इस स्कूल में आए थे तो बच्चों में सिर्फ रटने की प्रवृत्ति थी और माहौल निराशाजनक था. तब संजय जैन ने बच्चों के माता-पिता से मुलाकात की. बच्चों के लिए कुछ करने की ठानी. 

राष्ट्रपति कर चुके हैं सम्मानित

टीचर संजय जैन की पढ़ाने की चर्चा सिर्फ मध्यप्रदेश के टीकमगढ जिले के डूंडा गांव तक ही नहीं है, उनको देश भर में पहचाने जाने लगा है. इसीलिए तो उन्हे राष्ट्रपति ने वेबनार के जरिए राष्ट्रीय सम्मान से भी सम्मानित किया है.