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मात्र 265 रुपए में लगेगी बिना सूई वाली कोरोना वैक्सीन, आपके शरीर के अंदर इस तरह से पहुंचेगी दवा

कुछ ही दिनों में बिना सूई वाली कोरोना वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी. वैक्सीन और नीडल फ्री एप्लीकेटर, दोनों मिलाकर इसकी कुल कीमत 358 रुपए होगी. नीडल फ्री होने के साथ-साथ इस वैक्सीन की यह भी खासियत है कि इसे लंबे समय तक स्टोर किया जा सकता है.

कोरोना वैक्सीन(सांकेतिक तस्वीर) कोरोना वैक्सीन(सांकेतिक तस्वीर)
हाइलाइट्स
  • नीडल फ्री एप्लीकेटर की भी जरूरत पड़ेगी जिसकी कीमत 93 रुपए है

  • 28 दिनों के अंतराल में वैक्सीन की तीन खुराक लगेगी

कोरोना की बिना सूई वाली नई वैक्सीन जाइकोव-डी(ZyCoV-D) अब सिर्फ 265 रुपए में लगेगी. केंद्र सरकार ने जायडस कैडिला(Zydus Cadila) को एक करोड़ नीडल-फ्री वैक्सीन के डोज का ऑर्डर भी दे दिया है. जैसे ही यह वैक्सीन आ जाएगी, लोग इसे लगवा सकेंगे. वैक्सीन लगवाने के लिए एक नीडल फ्री एप्लीकेटर की जरूरत पड़ेगी और इसकी कीमित 93 रुपए होगी. मतलब कुल मिलाकर आपको नीडल-फ्री वैक्सीन के लिए 358 रुपए देने होगे. इसमें जीएसटी भी शामिल है.

बिना सूई वाली वैक्सीन लेने के लिए मोटिवेट होंगे लोग
जायडस कैडिला कंपनी के मैनेजिंग डायरेक्टर डॉ. शरविल पटेल ने कहा-"कोरोना वैक्सीनेशन प्रोग्राम में सरकार का सपोर्ट कर खुशी हो रही है. चूंकि, इस वैक्सीन को लेने के लिए सूई की जरूरत नहीं पड़ती, तो वैक्सीन लेने के लिए लोग मोटिवेट होंगे और कोरोना को आसानी से हराय जा सकेगा."

वैक्सीन की लगेगी तीन खुराक
कंपनी के अधिकारियों ने मंत्रालय को बताया है कि जायडस कैडिला हर महीने ZyCoV-D की एक करोड़ खुराक देने की स्थिति में है. इस वैक्सीन को लगाने के लिए फ्रंटलाइन वर्कर्स और टीका लगने वालों की ट्रेनिंग होगी. जाइकोव-डी की तीन खुराक को 28 दिनों के अंतराल पर लगाया जाना है. वर्तमान में जो 18 साल से ऊपर हैं, वे जाइकोव-डी का टीका लगवा सकते हैं.

लंबे समय तक किया जा सकता है स्टोर
जाइकोव-डी को 25 डिग्री के तापमान पर तीन महीने तक के लिए स्टोर किया जा सकता है. इससे वैक्सीन को कहीं ले जा ने और स्टोर करने में आसानी होगी. लंबे समय तक इस्तेमाल के लिए इसको 2 से -8 डिग्री सेल्सियस में स्टोर किया जा सकता है.

ऐसे शरीर में जाएगा टीका
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है कि इस वैक्सीन में सूई की आवश्यकता नहीं होती है तो ऐसे में यह वैक्सीन कैसे लगेगी, इसको लेकर लोगों के मन में सवाल जरूर उठ रहे होंगे. यह प्रक्रिया काफी आसान है. इसको इस तरह से समझें कि जब भी हमें चोट लगती है तो हम बैंडेड लगा लेते हैं और हमारा घाव ठीक हो जाता है. ठीक उसी तरह इस वैक्सीन को भी हमारी बांहों में चिपका दिया जाएगा जिसे हमारा शरीर सोख लेगा और बिना सूई के दवा हमारे शरीर के अंदर चली जाएगी.