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J & K: घाटी में अब 'ड्रोन ग्रिड' से होगी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा

कश्मीर में ऐसे 15 पॉकेट्स की पहचान की गई है जहां अल्पसंख्यक हिन्दू और सिख रहते हैं, इन इलाकों की सुरक्षा अब ड्रोन से की जाएगी. ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब जम्मू-कश्मीर में ड्रोन ग्रिड के जरिए सुरक्षा की जा रही है

घाटी में अब ड्रोन ग्रिड से होगी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा घाटी में अब ड्रोन ग्रिड से होगी अल्पसंख्यकों की सुरक्षा
हाइलाइट्स
  • ड्रोन ग्रिड में एक ग्रिड पैटर्न में ही ड्रोन को उड़ाया जाता है

  • कश्मीर में ऐसे 15 पॉकेट्स की पहचान की गयी है जहां अल्पसंख्यक हिंदू और सिख रहते हैं

  • गृह मंत्री अमित शाह 23 से 25 अक्टूबर अपने तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा के इंतजामों को और बढ़ा दिया गया है. लोगों की सुरक्षा के लिए ड्रोन से कश्मीर के ऐसे इलाकों की निगरानी की जाएगी जहां अल्पसंख्यक रहते हैं. इससे घाटी में बढ़ रही ऐसी घटनाओं को कम किया जा सकेगा जिसमें आतंकवादियों द्वारा गैर कश्मीरियों को निशाना बनाया जा रहा है. सुरक्षाबल और प्रशासन दोनों ‘ड्रोन ग्रिड’ की मदद से उन इलाकों में रहने वाले लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करेंगे. आपको बता दें,  कश्मीर में ऐसे 15 पॉकेट्स की पहचान की गयी है जहां अल्पसंख्यक हिंदू और सिख रहते हैं.

CRPF और कश्मीर पुलिस दोनों मिलकर करेंगे सुरक्षा 

सीआरपीएफ (CRPF) के DIG ऑपरेशन मैथ्यू ए जॉन के अनुसार, सीआरपीएफ और कश्मीर पुलिस दोनों मिलकर ड्रोन की सहायता से अब कश्मीर के ऐसे इलाकों पर खास नजर रखेंगे जहां अल्पसंख्यक समुदाय के लोग अधिक रहते हैं. वह कहते हैं, “जम्मू और कश्मीर की हाल की घटनाओं को देखते हुए डीजी जम्मू-कश्मीर (DG J&K) और आईजी सीआरपीएफ (IG CRPF) के सामूहिक प्रयासों से श्रीनगर शहर में ड्रोन ग्रिड बनाया गया है। इसका मुख्य उद्देश्य अल्पसंख्यक क्षेत्रों की निगरानी और उन्हें सुरक्षा प्रदान करना है.” 

इसके साथ उन्होंने आगे बताया कि कश्मीर में ऐसे 15 पॉकेट्स की पहचान हुई है जहां अल्पसंख्यक हिन्दू और सिख रहते हैं, अब इन इलाकों की सुरक्षा ड्रोन से की जा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि जब जम्मू-कश्मीर में ड्रोन ग्रिड के जरिए सुरक्षा की जा रही है. 

ड्रोन ग्रिड कैसे काम करेगा?

ड्रोन ग्रिड में एक ग्रिड पैटर्न में ही ड्रोन को उड़ाया जाता है. आमतौर पर मैपिंग मिशन के लिए इनका उपयोग किया जाता है. इससे 2D और 3D डेटा के आधार पर इमेज (image) एकत्र की जाती है. ग्रिड पैटर्न से आसानी से और साफ तरीके से फुटेज एकत्र की जा सकेगी. इन ड्रोन से ही इलाके पर नजर बनाई जाएगी. 

ये लाइव फुटेज कंट्रोल रूम तक पहुंचेगी जिसपर हर समय निगरानी रखी जाएगी. और अगर किसी इलाके में किसी भी संदिग्ध गतिविधि पर नजर पड़ती है तो तुरंत उस इलाके में तैनात सुरक्षा बल को सूचित किया जायेगा ताकि उसपर जल्द से जल्द कार्रवाई हो पाए.   

गृह मंत्री करेंगे सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता 

गौरतलब हो कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 23 से 25 अक्टूबर  अपने तीन दिवसीय दौरे पर जम्मू-कश्मीर पहुंचे हैं. वह श्रीनगर में सुरक्षा समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करेंगे और साथ में जम्मू-कश्मीर के यूथ क्लब के सदस्यों के साथ भी बातचीत करेंगे. इसके साथ, श्रीनगर और संयुक्त अरब अमीरात के शारजाह के बीच पहली अंतरराष्ट्रीय हवाई उड़ान का उद्घाटन करेंगे.