
समय गवाह है कि जब एक पुरुष शिक्षित होता है तो एक व्यक्ति आगे बढ़ता है, लेकिन यही समय ये भी बताता है कि जब एक महिला शिक्षित होती है तो एक परिवार आगे बढ़ता है और यही वो कड़ी है जब एक शिक्षित और प्रगतिशिल समाज आकार लेता है. समावेशी विकास की इन्ही अवधारणाओं को आगे बढ़ाते हुए भारत सरकार ने बेटी बचाओं बेटी पढ़ाओ की शुरूआत की. अब सरकार ने एक और नई पहल की है. जिससे गुजरात की बेटियों को नया आयाम मिल गया है.
पिंक कार्ड योजना के लॉन्च होने से बेटियों के साथ मां- बाप को भी मिलेगा फायदा
यहां पहली बार पिंक कार्ड योजना को लॉन्च किया गया है. इस योजना की शुरुआत जूनागढ़ से हुई. जूनागढ़ के डीएम रचित राज ने पिंक कार्ड लॉन्च करते हुए कहा कि इससे बेटियों को सरकारी लाभ का फायदा उठाने में प्राथमिकता मिलेगी. पिंक कार्ड योजना यानी मेरी बेटी ,मेरा अभिमान और मेरा स्वाभिमान. इस योजना के तहत उन दंपत्तियों को फायदा होगा जिन्हें सिर्फ एक या दो बेटियां हैं. साथ में उनकी बेटियों को भी ये पिंक कार्ड जारी किया जाएगा.
कार्ड की मदद से अब नहीं होगी लंबी कतार में लगने की झिक-झिक
ये पिंक कार्ड जिला प्रशासन की तरफ से माता पिता को जारी किया जाएगा. जिन बेटियों के मां बाप के पास ये कार्ड होगा उन्हें सरकारी सेवाओं का फायदा उठाने के लिए लंबी लाइन में खड़े होने की जरूरत नहीं पड़ेगी. यानी इन माता पिता को कतार में प्राथमिकता दी जाएगी. राशन, इनकम सर्टिफिकेट, जाति प्रमाण पत्र ,जनसेवा केंद्र की स्कीम में पिंक कार्ड के जरिए फायदा मिलेगा.
बेटियों को मिलेगा शिक्षा स्वास्थ्य और रोजगार का फायदा
इस योजना की शुरुआत बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ के नजरिए से भी देखा जा रहा है जहां बेटियों के स्वास्थ्य,शिक्षा,रोजगार को लेकर सरकार गंभीर है. जूनागढ़ के डीएम ने कहा कि फिलहाल जूनागढ़ तालुका में लॉन्च किया गया है. लेकिन जल्द ही इसे पूरे जिले में लागू कर दिया जाएगा. नवरात्र के पहले दिन इस योजना की शुरुआत हुई जब मां दुर्गा के पहले रूप मां शैलपुत्री की पूजा हो रही है. ऐसे में इस योजना को काफी शुभ माना जा रहा है . साथ ही बेटियों के प्रति प्रशासन की ये पहल शानदार है.