ICAR-NBIAR Scientists develop low-cost ‘Shatpada Fruit Fly Trap’
ICAR-NBIAR Scientists develop low-cost ‘Shatpada Fruit Fly Trap’ भारत में आम, अमरूद, चीकू (सपोटा) और अन्य खट्टे फलों की फसलों को लंबे समय से फ्रूट फ्लाई (फलों की मक्खी) भारी नुकसान पहुंचाती रही है. लेकिन अब बंगलुरु स्थित राष्ट्रीय कृषि कीट संसाधन ब्यूरो (NBAIR) के वैज्ञानिकों ने तीन साल की रिसर्च और ट्रायल्स के बाद एक नया टूल तैयार किया है, जिसे नाम दिया गया है- ‘षटपद फ्रूट फ्लाई ट्रैप’.
वैज्ञानिकों का दावा है कि यह टूल लंबे समय तक कंट्रोल देता है और लागत भी मौजूदा उत्पादों की तुलना में लगभग एक-चौथाई आती है. इसके अलग-अलग जगहों पर सफल ट्रायल पूरे हो चुके हैं और अमेरिका, यूरोप, जापान, चीन और ऑस्ट्रेलिया में पेटेंट के लिए आवेदन किया गया है.
कैसे करता है काम?
यह एक “कंट्रोल्ड रिलीज फेरोमोन डिवाइस” है. इसमें एक विशेष तकनीक से फेरोमोन (कीटों के रासायनिक संकेत) को लंबे समय तक धीरे-धीरे हवा में छोड़ा जाता है. इसकी गंध से फ्रूट फ्लाइज़ आकर्षित होती हैं. टूल की दोहरी फ़नल जैसी संरचना उन्हें जाल में फंसा लेती है, जहां से वे बाहर नहीं निकल पातीं.
पुराने टूल्स से बेहतर क्यों?
NBAIR के वैज्ञानिक डॉ. के.जे. डेविड ने द हिंदू को बताया कि अब तक इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरण (जैसे कांच की शीशी, कॉटन विक, रबर या लकड़ी के टुकड़े) जल्दी खराब हो जाते थे. वे या तो बहुत जल्दी वाष्पित हो जाते, बारिश और धूप में बिगड़ जाते, या फेरोमोन सोख लेते लेकिन बाहर नहीं छोड़ते थे.
11 राज्यों में सफल परीक्षण
पिछले तीन सालों में टूल का ट्रायल ऑल इंडिया कोऑर्डिनेटेड रिसर्च प्रोजेक्ट ऑन फ्रूट्स (AICRP-Fruits) के तहत 11 राज्यों में आम, अमरूद और चीकू की बागानों में किया गया.
किसानों के लिए फायदेमंद
साइंटिस्ट डॉ. दीपा भगत ने द हिंदू को बताया कि यह तकनीक पुराने तरीकों से अलग है, क्योंकि यह आसानी से पोर्टेबल है, इसे कोई रेफ्रिजरेशन नहीं चाहिए, और बड़े पैमाने पर उत्पादन करना आसान है. उन्होंने कहा कि कई उद्योग इस तकनीक को ICAR–NBAIR से खरीदने की प्रक्रिया में हैं. इसके बाद इसे बाजार में किसानों को सस्ती दर पर उपलब्ध कराया जाएगा. यह उपकरण न सिर्फ किसानों की लागत घटाएगा बल्कि फलों की पैदावार और क्वालिटी बढ़ाने में भी मदद करेगा.
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