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Smita Patil बर्थडे स्पेशल: 10 साल के छोटे फ‍िल्मी करियर में हासिल किया बड़ा मुकाम

स्मिता पाटिल की आज 66 वीं बर्थ एनीवर्सरी है. उनका जन्म 17 अक्टूबर, 1955 को पुणे में हुआ था. लेकिन 31 साल की उम्र में उन्होंने 13 दिसंबर 1986 को दुनिया को अलविदा कह दिया था.

स्मिता पाटिल: अभिनय से बनाई अलग पहचान स्मिता पाटिल: अभिनय से बनाई अलग पहचान
हाइलाइट्स
  • संवेदनाओं की अदाकारा की जिंदगी के अनछुए पहलू

  • फिल्मों में आने से पहले न्यूजरीडर थीं स्मिता पाट‍िल

  • स्म‍िता ने 31 साल की उम्र में दुनिया को कह द‍िया अलव‍िदा

आज एक्ट्रेस स्मिता पाटिल का बर्थ एन‍िवर्सरी (Smita Patil Birth Anniversary) है, और मौजूदा वक्त में एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री (Entertainment Industry) की पूरी तस्वीर ही बदल चुकी है. अब दर्शकों को अपने एंटरटेनमेंट के लिए सिनेमाघर जाने की कोई ज़रूरत नहीं है. अब जमाना OTT प्लेटफॉर्म्स का है, जिसके जरिए घर बैठे दर्शक हर वो कंटेट पा सकते हैं, जिसकी उन्हें दरकार है.  OTT प्लेटफॉर्म्स पर लगातार अश्लीलता के आरोप लग रहे हैं. इन तमाम बातों के बाद जब हम OTT प्लेटफॉर्म्स और इन प्लेटफॉर्म्स पर दिखाए जाने वाले कंटेंट को देखते हैं है तो ये तमाम इल्जाम लगभग सही नजर आते हैं. मालूम होता है कि अपनी खुद की सफलता के लिए निर्माता निर्देशकों ने शेर (दर्शक) के मुंह पर खून (सेक्स सीन) लगा दिया है. लेकिन आप सोच रहे होंगे कि इस सब का स्मिता पाटिल के बर्थडे से क्या कनेक्शन. 

'आज रपट जाएं' गीत को फिल्माकर रोईं थीं स्मिता पाटिल

ऊपर लिखी बातों बातों को समझने के लिए स्मिता पाटिल से जुड़ा एक दिलचस्प किस्सा सुन लेते हैं. इस किस्से में ऐसी तमाम बातें हैं जिनको सुनकर आप हैरान रह जाएंगे. स्मिता की मौत को 35 साल हो चुके हैं. 80 के दशक में अपनी एक्टिंग से दर्शकों को मोहित करने वाली स्मिता पाटिल कभी भी ऐसे सीन के लिए सहज नहीं थीं. साल 1982 में एक फिल्म आई थी, नाम था नमक हलाल. फिल्म में हीरोइन स्मिता पाटिल थी और अमिताभ बच्चन हीरो थे. फ़िल्म का गाना 'आज रपट जायें तो हमें ना उठइयो आज फिसल जायें तो हमें ना उठइयो' आज भी लोगों की जुबान पर है. कहा जाता है कि जब इस गाने की शूटिंग खत्म हुई तो स्मिता फूट फूटकर रोईं. आज भी स्मिता पाटिल अपने गंभीर अभिनय के लिए जानी जाती हैं. स्मिता ने अपने छोटे से फिल्मी सफर में ऐसी फिल्में कीं, जो भारतीय फिल्मों के इतिहास में मील का पत्थर बन गईं.  

किस्सा राज बब्बर और स्मिता के प्यार का 

इसमें कोई शक नहीं कि स्मिता पाटिल को उनके किरदारों के लिए सराहा गया, लेकिन दूसरी तरफ़ एक्टर और पॉलिटिशियन राज बब्बर से उनके रिश्ते को लेकर उनकी आलोचना भी खूब हुई. वजह थी राज का शादीशुदा होना. स्मिता से रिश्ते के दौरान राज के दो बच्चे भी थे. स्मिता पर राज के परिवार को तोड़ने के आरोप लगते थे. शायद यही वजह रही होगी जब राज ने स्मिता से दूसरी शादी की बात की, तो राज के घर वाले इस रिश्ते के खिलाफ हो गए और उन्होंने राज से स्मिता या परिवार में से कोई एक चुनने की शर्त रख दी. राज ने स्मिता को चुना, वहीं इस रिश्ते से स्मिता की मां भी दुखी थी उन्होंने स्मिता से अपने सारे रिश्ते तोड़ लिए थे. 

संवेदनाओं की अदाकारा स्मिता पाटिल

उनका नाम स्मिता रखने जाने के पीछे भी एक दिलचस्प कहानी है.असल में जन्म के वक्त उनके चेहरे पर मुस्कराहट देख कर उनकी मां विद्या ताई पाटिल ने उनका नाम स्मिता रख दिया. यह मुस्कान आगे चलकर भी उनके व्यक्तित्व का सबसे आकर्षक पहलू बना. स्मिता पाटिल अपने गंभीर अभिनय के लिए जानी जाती हैं, लेकिन बहुत काम लोग जानते है कि फ़िल्मी परदे पर सहज और गंभीर दिखने वाली स्मिता पाटिल असल ज़िंदगी में बहुत शरारती थीं. स्मिता पाटिल की जीवनी लिखने वाली मैथिलि राव के मुताब‍िक, "वो निजी ज़िन्दगी में बहुत साधारण थीं. उनके अंदर ऐसी कोई चाहत नही थीं कि वो कोई बहुत बड़ी स्टार बनें. ज़िन्दगी के प्रति गंभीर होने के साथ साथ वो बहुत शरारती थीं, बहुत मस्ती करती थीं, उन्हें गाड़ी चलाने का बहुत शौक था. यही वजह है कि 14 -15 साल की उम्र में ही उन्होंने चुपके से ड्राइविंग सीख ली."

फिल्मों में आने से पहले न्यूज रीडर थी स्मिता 

फ़िल्मों में आने से पहले स्मिता पाटिल बॉम्बे दूरदर्शन में मराठी में समाचार पढ़ा करती थीं. समाचार पढ़ने से पहले उनके लिए साड़ी पहनना ज़रूरी होता था और स्मिता को जीन्स पहनना अच्छा लगता था तो स्मिता अक्सर न्यूज़ पढ़ने से पहले जीन्स के ऊपर ही साड़ी लपेट लिया करती थीं.

औरतों के हक के लिए लड़ने वाली स्मिता

स्मिता पाटिल महिलाओं के अधिकार के लिए लड़ने वाली एक मजबूत औरत थी, इसलिए स्मिता की उनकी माँ रोल मॉडल थीं. उनकी ज़िन्दगी में माँ फैसला बहुत मायने रखता था. लेकिन राज बब्बर से अपने रिश्ते को लेकर स्मिता ने माँ की भी नहीं सुनी. उनकी माँ इस बात का दुःख था कि आखिरी समय में उनका रिश्ता अपनी बेटी से ख़राब हो गया."

स्मिता का शव सुहागन की तरह सजाया गया था

स्मिता पाटिल की एक आखिरी इच्छा थी. "स्मिता अपने मेकअप आर्टिस्ट दीपक सावंत से कहा करती थीं कि दीपक जब मर जाउंगी तो मुझे सुहागन की तरह तैयार करना."एक बार उन्होंने राज कुमार को एक फ़िल्म में लेटकर मेकअप कराते हुए देखा और दीपक से कहने लगीं कि दीपक मेरा इसी तरह से मेक अप करो तब दीपक ने कहा था कि मैडम मुझसे ये नहीं होगा. ऐसा लगेगा जैसे किसी मुर्दे का मेकअप कर रहे हैं. लेकिन स्मिता के मरने के बाद दीपक ने उनकी अंतिम इच्छा के मुताबिक़, स्मिता के शव का सुहागन की तरह मेकअप किया गया. शायद ही दुनिया में ऐसा कोई मेकअप आर्टिस्ट होगा जिसने इस तरह से मेकअप किया हो."

कुल मिलाकर कहें तो स्मिता की गंभीरता, उनकी सादगी, उनकी गहरी आंखों में वो नमी सबकुछ अनमोल था, स्मिता पाटिल बॉलीवुड जगत की वो दौर थी जो कभी खत्म नहीं हो सकती.