Anti-tobacco campaign
Anti-tobacco campaign जम्मू कश्मीर में शराब पर प्रतिबंध लगाने या फिर ना लगाने पर बहस चल रही है. इसी दौरान दक्षिण कश्मीर का शेखगुंड गांव जम्मू कश्मीर का पहला तंबाकू निषेध गांव बन गया है. और ये अनूठी उपलब्धि इस गांव के लोगों की बदौलत मिली है, जिन्होंने तंबाकू से जुड़े उत्पादों का सेवन और बिक्री बंद करने का एकमत होकर फैसला लिया है.
दक्षिण कश्मीर का शेखगुंड छोटा सा गांव है, मगर इन दिनों खूब सुर्खियां बटोर रहा है, क्योंकि यहां के लोगों की एक पहल लाखों युवाओं और आने वाली पीढ़ियों का भविष्य संवार रही है. इसकी झलक आपको इस गांव के हर चौक, चौराहे, दीवारों और दरवाजों पर मिल जाएगी.
नशामुक्त करने का संकल्प
दरअसल यहां के लोगों ने अपने गांव को नशामुक्त करने की ठानी है और न सिर्फ ठानी है बल्कि कर भी दिखाया. पिछले तीन महीने में इस इलाके में तम्बाकू की खपत और बिक्री लगभग शून्य हो गई है. जम्मू कश्मीर में जहां एक तरफ शराब पर पाबंदी लगनी चाहिए या नहीं, इस सवाल पे चर्चा गर्म है.
वहीं दूसरी ओर एक ऐसा गांव भी है जहां शराब तो दूर की बात तंबाकू के सेवन और सेल पे उन्होंने खुद ही पाबंदी लगा दी है. शेखगुंड गांव के लोगों ने पिछले तीन महीने से मुहिम छेड़ी है. जिसके तहत गांव में तंबाकू का सेवन, सिगरेट या तंबाकू किसी भी किस्म का जो बैन है और उसके साथ-साथ दुकानदारों ने भी उसकी बिक्री जो है बंद कर दी है. ये एक बहुत ही जबरदस्त मिसाल है सेल्फ रेगुलेशन की.
देखने को मिला अलग नजारा
नई पीढ़ी को नशे की लत से बचाने और आने वाली पीढ़ी को एक नशा मुक्त वातावरण देने के लिए यहां के लोगों ने एकजुट होकर अभियान छेड़ा है. जैसे ही आप अनंतनाग के खूबसूरत हिस्से की गलियों और उपनगरों में प्रवेश करते हैं, आपको हर जगह बैनर दिख जाएंगे जो गांव को तम्बाकू निषेध क्षेत्र बता रहे हैं. साथ ही यहां आने वालों से भी तम्बाकू का सेवन ना करने की अपील कर रहे हैं. यहां तक कि अगर आप यहां दुकानों में तम्बाकू खरीदने जाएंगे तो वहां भी आपको यह नहीं मिलेगा.