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ऊर्जा मंत्री का दावा- दिल्ली और देश में नहीं है बिजली संकट, भ्रम फैला रहा विपक्ष

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने दावा किया है कि कोयले की आपूर्ति आगे भी बनी रहेगी, वहीं दिल्ली में बिजली संकट नहीं है. दरअसल केंद्र को सफाई इसलिए देनी पड़ी क्योंकि देश के अलग-अलग ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े स्तर पर बिजली कटौती के दावे किए जा रहे हैं.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (फोटो-PTI) केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह (फोटो-PTI)
हाइलाइट्स
  • ऊर्जा संकट पर विपक्ष के निशाने पर है केंद्र

  • कोयला संकट से केंद्र ने किया है इनकार

  • ऊर्जा मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दी है सफाई

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने रविवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया है कि दिल्ली बिजली संकट का सामना नहीं कर रही है. केंद्रीय मंत्री ने आश्वासन दिया है कि राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में कोयले की आपूर्ति आगे भी बनी रहेगी. यह बयान एक ऐसे समय में सामने आया है, जब दावा किया जा रहा है कि देश के पास सिर्फ 4 दिनों का कोल स्टॉक बचा है, ऐसे में पॉवर ठप होने की आशंका बनी हुई है.

कथित कोयला संकट की खबरें लगातार सामने आने के बाद केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह ने रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर स्पष्टीकरण दिया. केंद्रीय मंत्री ने कहा है कि उन्होंने दिन में एक बैठक की अध्यक्षता थी, जिसमें एनटीपीसी, ऊर्जा मंत्रालय और बीएसईएस अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में यह बात सामने आई है कि डिमांड और सप्लाई से संबंधित कोई संकट नहीं है.

ऊर्जा मंत्री ने कहा कि शनिवार शाम दिल्ली के उपराज्यपाल ने बिजली आपूर्ति में  व्यवधान की आशंका जाहिर की थी और उन्होंने दिल्ली के मुख्यमंत्री द्वारा लिखे गए एक पत्र के बारे में बात की. ऊर्जा मंत्री ने बताया कि अधिकारी स्थितियों की निगरानी कर रहे हैं, अभी तक ऐसा कोई मुद्दा नहीं सामने नहीं आ रहा है. 

क्यों पैदा हुआ विवाद?

केंद्रीय मंत्री आर के सिंह ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि बिजली की कमी की आशंका को लेकर घबराहट इसलिए शुरू हुई क्योंकि गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (गेल) ने दिल्ली डिस्कॉम को गैस आपूर्ति रोकने के बारे में एक संदेश भेजा क्योंकि उनका अनुबंध समाप्त हो रहा है.

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री ने कहा, 'मैंने गेल के सीएमडी से देश भर के बिजली स्टेशनों को आवश्यक मात्रा में गैस की आपूर्ति जारी रखने के लिए कहा है. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि आपूर्ति जारी रहेगी. न तो पहले गैस की कमी थी और न ही भविष्य में होगी.'

बेवजह पैदा की जा रही है दहशत

केंद्रीय मंत्री ने यह भी कहा, 'मैंने यह भी कहा है कि आवश्यक पीपीए बनाए रखा जाना चाहिए और बिजली की आपूर्ति में कोई कमी नहीं होनी चाहिए. बिजली के संभावित व्यवधान के बारे में उपभोक्ताओं को भेजे गए कथित संदेश पर मैंने टाटा पावर को भी चेतावनी दी है.'

केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आर के सिंह ने कहा देश को जितने कोयले की हर दिन जरूरत है, उससे 4 दिन ज्यादे का स्टॉक हमारे पास है. कोल संकट पर गैरजरूरी दहशत पैदा की जा रही है.

देशव्यापी बिजली कटौती को लेकर जब कांग्रेस नेताओं, विपक्ष के ट्वीट और बयानों से संबंधित सवाल जब केंद्रीय मंत्री ने किए गए तो उनहोंने कहा कि कांग्रेस पार्टी के विचार खत्म हो गए हैं. हमारे पास बिजली की पर्याप्त आपूर्ति है.

क्यों सामने आ रही है बिजली संकट की बात?

सेंट्रल इलेक्ट्रिसिटी अथॉरिटी ऑफ इंडिया के आंकड़ों के मुताबिक, देश थर्मल प्लांटों में कोयले के भंडार की अभूतपूर्व कमी का सामना कर रहा है, जिससे बिजली संकट पैदा हो सकता है. 5 अक्टूबर को बिजली उत्पादन के लिए कोयले का उपयोग करने वाले 135 ताप संयंत्रों में से 106 या लगभग 80 प्रतिशत या तो क्रिटिकल या सुपर क्रिटिकल चरण में हैं, यानी उनके पास अगले 6-7 दिनों के लिए ही स्टॉक है.

दिल्ली में ऊर्जा संकट पर क्यों मचा था घमासान?

बिजली संकट की आशंका के बीच, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी को कोयले की कमी के कारण बिजली संकट का सामना करना पड़ सकता है. उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हस्तक्षेप करने का आग्रह किया था जिससे बिजली की आपूर्ति करने वाले प्लांट्स में कोयले और गैस की कमी न हो.