
गुजरात सरकार राज्य के लोगों को पीने का साफ पानी मुहैया कराने के लिए खास कदम उठा रही है. ग्रामीण इलाकों पर उसकी खास नजर है. मुख्यमंत्री भूपेंद्र भाई पटेल की अगुवाई में राज्य ने चौबीसों घंटे काम करने वाली टोल-फ्री हेल्पलाइन 1916 शुरू की है. इस नंबर पर कॉल करके लोग पीने के पानी से जुड़ी पंप की खराबी, पाइपलाइन लीक जैसी शिकायतें या पानी की गुणवत्ता संबंधी शिकायतें दर्ज करते हैं.
इसके बाद हेल्पलाइन तुरंत एक्शन लेती है. इसके तहत फील्ड टीम प्रभावित इलाकों का दौरा करती हैं और 48 घंटों के भीतर ज्यादातर शिकायतों का समाधान हो जाता है. गुजरात सरकार की यह पहल पानी की कमी से जूझ रहे कई गांवों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है.
एक कॉल से बदले हालात
छोटा उदयपुर में रहने वाले अतुल भाई और सुंदर भाई चंदू जैसे लोगों को हैंडपंप बंद हो जाने से साफ पानी के लिए लगातार मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा था. उन्हें परिवार और मवेशियों की जरूरत के लिए भी पानी नहीं मिल पा रहा था. हेल्पलाइन से संपर्क करने के बाद अधिकारियों ने तत्काल कार्रवाई की.
अधिकारियों ने इलाके का दौरा किया और पंपों की मरम्मत की. सरकार के सहयोग से अब पानी की समस्या दूर हो गई है. उन्हें लगातार पानी मिल रहा है. इस योजना के लाभार्थी अतुल भाई समाचार एजेंसी पीटीआई के साथ खास बातचीत में कहते हैं, "मैंने 1916 पर शिकायत दर्ज कराई.ये हेल्पलाइन नंबर बहुत अच्छा है. हमें उचित सहायता मिली और अब पानी की आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं है."
एक अन्य लाभार्थी सुंदर भाई चंदू ने कहा, "1916 पर शिकायत दर्ज कराने के बाद अधिकारियों ने दौरा किया और हैंडपंप की मरम्मत की. मैं सरकार का आभारी हूं."
कैसे काम करती है हेल्पलाइन?
हेल्पलाइन पर कॉल करने के बाद शिकायत ऑनलाइन पोर्टल पर दर्ज कर संबंधित विभाग को भेजी जाती है. समाधान होने तक उसे ट्रैक किया जाता है. नागरिकों को उनकी समस्या के समाधान के बाद नियमित अपडेट मिलते हैं. फॉलो-अप कॉल पूर्ण संतुष्टि सुनिश्चित करते हैं. ग्रामीण गुजरात के लोगों तक साफ पानी की पहुंच सुनिश्चित करने में हेल्पलाइन 1916 बेहद मददगार साबित हो रही है.
गुजरात जल आपूर्ति एवं सीवरेज बोर्ड के मुख्य इंजीनियर नीरव सोलंकी कहते हैं, "शिकायतकर्ता को एसएमएस के ज़रिए शिकायत टिकट नंबर की जानकारी दी जाती है. शिकायत दर्ज होने के बाद अधिकारी ईआरपी सिस्टम के ज़रिए फ़ील्ड पर जाकर उसका समाधान करते हैं. समस्या का समाधान होने के बाद इसे मोबाइल एप्लीकेशन के ज़रिए ट्रैक भी किया जा सकता है."
हेल्पलाइन 1916 ग्रामीण गुजरात के लिए अहम कड़ी है. इसने जनवरी 2024 और मार्च 2025 के बीच 99.93% सफलता दर के साथ 2.22 लाख से ज्यादा जल-संबंधी शिकायतों का समाधान किया है. हेल्पलाइन पर हर रोज 250 से 300 कॉल अटेंड किए जाते हैं और आम लोगों से जुड़ी समस्याओं को समय पर दूर किया जाता है.