
Adeeba Riyaz
Adeeba Riyaz दक्षिण कश्मीर के अनंतनाग शहर की सातवीं कक्षा की अदीबा रियाज ने 11 साल की उम्र में ही बड़ा इतिहास रच दिया है. अदीबा ने 'ज़ील ऑफ पेन' नाम से एक किताब लिखी है, जिसके प्रकाशित होने के बाद से वो घाटी की सबसे कम उम्र की लेखिका बन गई हैं.
कक्षा छह से लिखनी शुरू कर दी थी किताब
अदीबा की यह 96 पेज की किताब ऑनलाइन और अमेजन पर मौजूद है. अदीबा को अपने आप में एक लेखिका होने का अहसास तब हुआ, जब उसे 2019 में अनंतनाग जिला प्रशासन द्वारा निबंध लेखन प्रतियोगिता में सम्मानित किया गया. इसी के बाद से उसने 'ज़ील ऑफ पेन' लिखना शुरू कर दी. अदीबा ने कक्षा छठी से यह किताब लिखना शुरू की थी. उन्होंने इसी साल अगस्त में अपनी किताब पूरी की और कुछ फार्मल प्रोसेस पूरा करके सितंबर में इसे पब्लिश कराया.

लॉकडाउन के कारण मिला काफी समय
इंडिया टुडे से बातचीत के दौरान अदीबा ने कहा, "कश्मीर में धारा 370 को निरस्त करने के बाद कर्फ्यू लगा दिया गया था. इसके बाद कोरोना महामारी आई और इसके कारण लॉकडाउन लग गया. इस दौरान मैंने बहुत ज्यादा पढ़ा और लिखा भी. मैंने अपने टाइम को डिवाइड किया कि मुझे किस समय पढ़ना है और किस समय यह किताब लिखनी है. मैं खुश हूं कि यह प्रकाशित हो गई है. मैंने अपने लॉकडाउन के समय का उपयोग बहुत अच्छे से किया."
किताब में जीवन के विभिन्न पहलुओं पर की बात
अदीबा रियाज ने आगे कहा, "मेरी किताब में सबकुछ के साथ बहुत कुछ (Something about Everthing)है. मैंने अपनी किताब में कुछ कविताएं और जीवन के बारे में लिखा है." अदीबा कहती हैं कि कई बार एक किताब में एक ही मुद्दे के बारे में लिखा होता है, लेकिन इस किताब में मैंने ऐसा नहीं किया. इस किताब में मैंने जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में बात की है.
इतनी कम उम्र में अपनी पहली किताब के लिए सराहना पाने के बाद अदीबा रियाज उन दृश्यों के बारे में लिखकर दुनिया को साहित्य का भरपूर आनंद देना चाहती हैं, जिनसे हर कोई रिलेट कर सकता है. किताब के अलावा अदीबा को ब्लॉग लिखना भी पसंद है. इसके अलावा उनकी एक वेबसाइट भी है जिसपर वो विभिन्न जोनर से छोटे- मोटे आर्टिकल्स भी लिखती रहती हैं.