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कांगड़ा की पहाड़ी में बसा मां का दिव्य धाम, 52 शक्ति पीठ में एक

हिमाचल की पहाड़ियों में बसा है मां दुर्गा का दिव्य सिद्ध धाम. 52 शक्ति पीठों में से एक है मां का ये दरबार. कांगड़ा के इस दरबार में मां दुर्गा प्राकृतिक ज्वाला स्वरूप में विराजमान हैं. मां के इस दरबार में ये अग्नि की ज्वाला कहां से प्रकट होती है इसका रहस्य आज तक किसी को समझ में नहीं आया है. पौराणिक मान्यता ये है कि इस दरबार में माता की जीभ गिरी थी इसलिए ये मां के 52 शक्ति पीठों में से एक सिद्ध दरबार है. मां के इस दरबार में मां अग्नि की एक लौ के स्वरूप में दर्शन देती हैं,अंग्रेज भी नहीं जान पाए क्या है इस ज्वाला का राज़. माता यहां ज्वाला स्वरूप में भक्तों को दर्शन देती हैं. माता रानी के 9 स्वरूपों की 9 ज्योति है और नवरात्र में इसे दुल्हन की तरह सजाया जाता है. मां के भवन की छत पर सजे पांच छोटे बड़े गुंबद मां की आभा की तरह ही दीप्तमान रहते हैं.

The divine Siddha Dham of Maa Durga is situated in the hills of Himachal.This temple is one of the 52 Shakti Peeths. Sati’s tongue is believed to have fallen at the very place where Jwala devi Temple is now situated. The Tongue of sati is represented by Holy Flames or Jwala that is perpetually burning. Jwala devi temple as a center of faith is unparallel and unique.