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कोलकाता में बांस की मदद से बनाया गया इको- फ्रेंडली पंडाल

कोलकाता के पूजा पांडालों में मां दुर्गा का अनुपम सौंदर्य देखते ही बनता है. अलग-अलग थीम पर बने पांडालों में हर तरफ रौनक छाई हुई है. शानदार सजावट से सुसज्जित ऐसा ही ये एक पांडाल है- मायेर छोआ...मतलब मां का छुआ हुआ. इस पांडाल में एक मां के जरिए दूसरी मां यानी मां दुर्गा को चित्रित किया गया है. हर किसी के जीवन में मां का जो स्थान होता है उसे ही इस पांडाल में दर्शाने की कोशिश की गई है. पांडाल पूरी तरह ईको फ्रेंडली है. इसमें बांस, बांस की बनी चूड़ी, हाथ के पंखे, इस्तेमाल किए गए हैं. वहीं दुर्गा पूजा पांडालों की चमक दमक से दूर कोलकाता का ऐसे ही एक और पांडाल है,जिसे लाइब्रेरी की तर्ज पर बनाया गया है. इस पांडाल के अंदर जाने से पहले ही दो कॉलम किताबों के बनाए गए हैं जिससे पता चलता है कि अंदर किताबों का संसार है.

The unique beauty of Maa Durga is created in the pandals of Kolkata. The pandals made on different themes are in full swing.One such pandal decorated with splendid decorations is Mayer Choa which means mother's touch. In this pandal Goddess Durga has been depicted. An attempt has been made to show the place of mother in everyone's life in this pandal. The pandal is completely eco-friendly.