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स्वच्छ भारत मिशन से डायरिया जैसे मामलों में 55% कमी आई

भारत मिशन की शुरुआत 2014 में हुई थी. आज उसी मिशन का दूसरा चरण लॉन्च होने जा रहा है. ये मिशन कितना फायदेमंद साबित हुआ. इसे लेकर कई तरह इंटरनेशनल एजेंसियो ने शोध किए. इन शोध में क्या कुछ निकलकर सामने आया, चलिए आपको बताते हैं. स्वच्छ भारत मिशन के पहले चरण का सबसे ज्यादा फायदा ग्रामीण इलाकों को मिला. अध्ययन के मुताबिक मिशन से हर परिवार को सालाना 53 हजार का फायदा हुआ. ये फायदा कैसे हुआ ये भी समझ लीजिए. लोग बीमार कम पड़े और उनके इलाज का पैसा बचा. जैसे कि स्वच्छता की वजह से डायरिया जैसे मामलों में 55 फीसदी की कमी आई. साफ सफाई में लगने वाला वक्त कम हुआ. जिसका इस्तेमाल लोगों ने दूसरी जगह किया. अभियान में जितनी लागत लगी. अलग अलग तरीकों से 4.3 गुना बचत की गई. स्वच्च भारत मिशन से गरीबों को अप्रत्यक्ष रुप से आर्थिक फायदा मिला. घरेलू शौचालयों ने एक तरह से ग्रामीण महिलाओं की जिदंगी बदल डाली.

Enough evidence exists to attribute the occurrence of diarrheal disease outbreaks due to open defecation practice and unsafe sanitation methods. Open defecation enables pathogens such as virus, bacteria, and protozoa to infect humans by means of fecal–oral transmission methods through contaminated fluids, water, and fomites. To curb the malefic effects of open defecation, the Indian government had initiated pro sanitation program namely Swachh Bharat Mission (SBM) in 2014.