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Lancet Study: कोराना वैक्सीन ने मौत के आंकड़े को किया कम, बचाई 42 लाख से ज्यादा भारतीयों की जान

Lancet की एक स्टडी में पाया गया कि कोरोना वैक्सीन की वजह से भारत और दुनियाभर में होने वाली मौत में काफी कमी देखी गई है. ज्यादा से ज्यादा लोगों तक वैक्सीन पहुंचाने के लक्ष्य से शुरू किया गया कार्यक्रम काफी हद तक सफल साबित हुआ और इसने लाखों लोगों की जान बचाई.

Lancet Study Lancet Study
हाइलाइट्स
  • ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टीका पहुंचाना था लक्ष्य

  • टीकाकरण से बची लोगों की जिंदगी

द लैंसेट इंफेक्शियस डिजीज मेडिकल जर्नल (The Lancet Infectious Disease)में छपे एक अध्ययन के अनुसार कोविड -19 टीकों ने लॉन्च होने के बाद से देशभर में एक वर्ष के भीतर 1.98 करोड़ से अधिक लोगों की जान बचाई. इससे महामारी के संभावित वैश्विक टोल में 63 प्रतिशत की कमी आई. अध्ययन को वैश्विक स्तर पर कोविड -19 टीकाकरण के प्रभाव का अनुमान लगाने वाला पहला अध्ययन कहा जा रहा है. इसे गणितीय मॉडलिंग का उपयोग करके यूके के इंपीरियल कॉलेज लंदन के शोधकर्ताओं द्वारा किया गया था.

...और भी लोगों की बच सकती थी जान
शोधकर्ताओं ने 8 दिसंबर, 2020 और 8 दिसंबर, 2021 के बीच 185 देशों में 31.4 मिलियन संभावित कोविड मौतों के समग्र आंकड़े पर अध्ययन किया. अध्ययन में आगे कहा गया कि अगर विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने 2021 के अंत तक दुनिया की 40 प्रतिशत आबादी को कोविड के खिलाफ टीका लगाने का लक्ष्य पूरा कर लिया होता तो 5,99,300 लोगों की जान बचाई जा सकती थी.

इंपीरियल कॉलेज लंदन में पीएचड के छात्र ओलिवर वॉटसन और अध्ययन के प्रमुख लेखक ने शुक्रवार को जारी एक बयान में कहा, "टीके लगाए जाने के बाद पहले वर्ष में होने वाली लगभग 20 मिलियन मौतों में से लगभग 7.5 मिलियन मौतों को कोविड -19 वैक्सीन एक्सेस पहल (COVAX) द्वारा कवर किए गए देशों में रोका गया था." 

ज्यादा से ज्यादा लोगों तक टीका पहुंचाना था लक्ष्य
COVAX WHO और अन्य वैश्विक स्वास्थ्य निकायों के सह-नेतृत्व में शुरू की गई एक वैश्विक स्वास्थ्य पहल है, जिसका उद्देश्य दुनिया भर में कोविड के टीकों को पहुंचाना है. वॉटसन ने अपने बयान में आगे कहा,“यह पहल इसी उद्देश्य से शुरू की गई थी क्योंकि यह महामारी के शुरुआती चरणों में ही स्पष्ट था कि वैश्विक वैक्सीन इक्विटी महामारी से बाहर निकलने का एकमात्र तरीका होगा. हमारे निष्कर्ष बताते हैं कि हर जगह लोगों को उनकी संपत्ति की परवाह किए बिना टीके उपलब्ध कराकर लाखों लोगों की जान बचाई गई है.”

मौत में आई कमी
अध्ययन के अनुसार, टीकाकरण ने गंभीर लक्षणों से हमें सुरक्षा प्रदान की जिसकी वजह से दुनिया भर में लगभग 79 प्रतिशत मौतों को टाला जा सका, जिससे मृत्यु दर कम हुई. शेष टीकाकरण के वातावरण में रहने वाले व्यक्तियों और स्वास्थ्य देखभाल प्रणालियों पर कम बोझ के कारण अप्रत्यक्ष सुरक्षा के कारण था, जिससे उन लोगों के लिए चिकित्सा देखभाल तक पहुंच में सुधार हुआ.
बता दें कि महामारी की शुरुआत से अब तक भारत में 5,24,941 मौतें दर्ज की गई हैं. यानी कहा जाए तो टीकाकरण बहुत ही प्रभावी साबित हुआ जिससे कि 10 गुना कम लोगों की मौत हुई.