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AI to save Heart Patients: हार्ट अटैक आने से पहले ही बता देगा एआई, नीदरलैंड्स के वैज्ञानिकों ने बनाई तकनीक, जानिए इसके बारे में

ऐसी तकनीक नई नहीं है, लेकिन इस काम को करने में अभी तक काफी वक्त लग जाता था क्योंकि तस्वीरों की जांच विशेषज्ञ करता था. अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में सैकड़ों तस्वीरों की जांच करना बेहद आसान और तेजी के साथ मुमकिन है.

Representational Image: Freepik Representational Image: Freepik

अच्छे-खासे दिखने वाले आदमी के सीने में अचानक दर्द उठता है और इंसान की आत्मा देखते ही देखते देह त्याग देती है. हार्ट अटैक सहसा घटने वाली एक ऐसी घटना है जिसके लिए शायद ही इंसान खुद को तैयार कर सकता है. लेकिन अब नीदरलैंड के रेडबोर्ड यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के वैज्ञानिकों ने एक नई तकनीक विकसित की है, जो दिल के मरीजों को हार्ट अटैक आने से पहले ही तैयार होने का मौका देगी. 

यह नई तकनीक एक शख्स को हार्ट अटैक आने पहले से अलर्ट कर सकती है. इस तकनीक में मिनी कैमरा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) का उपयोग किया गया है. वैज्ञानिकों ने हजारों मरीजों पर स्टडी की, जिनमें हार्ट अटैक का खतरा अधिक था. 

कैसे काम करती है यह तकनीक? 
यूनिवर्सिटी के अनुसार, इस तकनीक में मरीज की खून की नली में एक मिनी कैमरा डाला जाता है, जो लगातार तस्वीरें लेकर एआई को भेजता है. एआई इन तस्वीरों को तेजी से पढ़कर यह बताता है कि खून की नली में कौन सा हिस्सा कमजोर है और भविष्य में हार्ट अटैक का खतरा कहां हो सकता है. तकनीक के विकास के लिए मरीजों को इस एआई प्रयोग के जरिए दो साल तक लगातार ट्रैक किया गया. 

वैसे तो कैमरे के जरिए तस्वीरें लेने की ऐसी तकनीक नई नहीं है, लेकिन इस काम को करने में अभी तक काफी वक्त लग जाता था क्योंकि तस्वीरों की जांच विशेषज्ञ करता था. अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के दौर में सैकड़ों तस्वीरों की जांच करना बेहद आसान और तेजी के साथ मुमकिन है.

स्टडी के नतीजे 
स्टडी के दौरान मरीजों को दो साल तक ट्रैक किया गया. वैज्ञानिकों ने पाया कि यह तकनीक बेहद सटीक और तेज है. पहले तस्वीरों की जांच विशेषज्ञ करते हैं. इसमें काफी समय लगता था. लेकिन एआई के इस्तेमाल से यह प्रक्रिया अब बहुत आसान और तेज हो गई है. 

इस एआई तकनीक के शुरुआती टेस्ट सफल रहे हैं. वैज्ञानिकों का दावा है कि अगर हाई रिस्क ज़ोन की पहचान समय पर हो जाए, तो मरीज को स्टेंट या अन्य इलाज समय पर दिया जा सकता है. यह तकनीक दिल के मरीजों के लिए जीवनरक्षक साबित हो सकती है. 

भविष्य की उम्मीद बनी तकनीक
मेडिकल साइंस में एआई का उपयोग लगातार बढ़ रहा है. यह तकनीक न केवल हार्ट अटैक के पूर्वानुमान में मददगार है, बल्कि भविष्य में अन्य गंभीर बीमारियों के इलाज में भी उपयोगी साबित हो सकती है.

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मिनी कैमरा की मदद से हार्ट अटैक का पूर्वानुमान लगाने की यह तकनीक मेडिकल साइंस में एक बड़ी उपलब्धि है. यह दिल के मरीजों के लिए एक नई उम्मीद लेकर आई है.