Artificial Sweetners
Artificial Sweetners एक अध्ययन में खुलासा हुआ कि बहुत अधिक आर्टिफिशियल स्वीटनर की खपत की वजह से दिल के दौरे और स्ट्रोक सहित कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है.आर्टिफिशियल स्वीटनर का इस्तेमाल चीनी की जगह बहुत कम या बिना कैलोरी के विकल्प के तौर पर किया जाता है. इसका मार्केट 7200 मिलियन डॉलर है. ऑर्टिफिशयल स्वीटनर दुनिया भर में हजारों उत्पादों में पाए जाते हैं. इसमें विशेष रूप से अल्ट्रा प्रोसेसड फूड जैसे ऑर्टिफिशयल ड्रिंक्स, कुछ स्नैक्स और कम कैलोरी वाले तैयार भोजन आते हैं.
अक्सर इसे वजन बढ़ने से जोड़कर देखा जाता है
कई अध्ययनों ने ऑर्टिफिशियल स्वीटनर या ऑर्टिफिशियल स्वीटेन्ड बेवरेजेस (ASB)के सेवन को वजन बढ़ाने, हाई ब्लड प्रेशर और सूजन से जोड़ा है. लेकिन हृदय रोग (सीवीडी) सहित विभिन्न बीमारियों के कारण आर्टिफिशियल स्वीटनर्स की भूमिका के बारे में निष्कर्ष अभी भी साफ नहीं हैं. कई ऑबजर्वेशन संबंधी अध्ययनों ने सीवीडी जोखिम का पता लगाने के लिए एएसबी खपत को प्रॉक्सी के रूप में इस्तेमाल किया है, लेकिन किसी ने भी समग्र आहार से कृत्रिम स्वीटनर का सेवन नहीं मापा है.
इसके बारे में और अधिक जानने के लिए, फ्रेंच नेशनल इंस्टीट्यूट फॉर हेल्थ एंड मेडिकल रिसर्च (इंसर्म) और उनके सहयोगियों के शोधकर्ताओं की एक टीम ने वेब-आधारित न्यूट्रीनेट के 103,388 प्रतिभागियों (औसत आयु 42 वर्ष; 80% महिला) से डेटा प्राप्त किया. समाचार एजेंसी एएनआई ने बताया कि पोषण और स्वास्थ्य के बीच संबंधों की जांच के लिए 2009 में NutriNet-Sante अध्ययन फ्रांस में शुरू किया गया था.
किया गया गहन विश्लेषण
शोधकर्ताओं ने बार-बार 24 घंटे के आहार रिकॉर्ड द्वारा ऑर्टिफिशियल स्वीटनर के आहार सेवन और खपत को देखा और संभावित प्रभावशाली स्वास्थ्य, लाइफस्टाइल और समाजशास्त्रीय कारकों (sociodemographic)की एक श्रृंखला को ध्यान में रखा गया. सभी आहार स्रोतों (पेय पदार्थ, टेबलटॉप मिठास, डेयरी उत्पाद, आदि) से कृत्रिम मिठास और प्रकार (एस्पार्टेम, इस्सेल्फ़ेम पोटेशियम, और सुक्रालोज़) को विश्लेषण में शामिल किया गया था.
कुल 37% प्रतिभागियों ने 42.46 मिलीग्राम/दिन के औसत सेवन के साथ कृत्रिम मिठास का सेवन किया, जो टेबलटॉप स्वीटनर के लगभग एक व्यक्तिगत पैकेट या आहार सोडा के 100 एमएल से मेल खाती है.कृत्रिम मिठास का सेवन करने वाले प्रतिभागियों में निम्न और उच्च उपभोक्ता श्रेणियों के लिए औसत सेवन क्रमशः 7.46 और 77.62 मिलीग्राम / दिन था.
कई दिनों तक हुआ फॉलोअप
नॉन कन्जयूमर की तुलना में, उच्च उपभोक्ता कम उम्र के होते हैं. उनका बॉडी मास इंडेक्स अधिक होता है, धूम्रपान करने की संभावना अधिक होती है, शारीरिक रूप से कम सक्रिय होते हैं, और वजन घटाने वाले आहार का पालन करते हैं. इसके अलावा इनमें कुल ऊर्जा का सेवन कम होता है, कम शराब, संतृप्त और पॉलीअनसेचुरेटेड वसा, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, फल और सब्जी का सेवन, और सोडियम, लाल और प्रोसेसड मीट, डेयरी उत्पाद, और बिना चीनी वाले पेय पदार्थों का अधिक सेवन होता है. हालांकि, शोधकर्ताओं ने अपने विश्लेषण में इन अंतरों को ध्यान में रखा.
नौ वर्षों के फॉलो-अप के दौरान 1,502 हृदय संबंधी घटनाएं हुईं. उनमें दिल का दौरा, एनजाइना, एंजियोप्लास्टी (दिल की ब्लॉक्ड आर्टरीज को चौड़ा करने की एक प्रक्रिया), ट्रांसजिएंट इस्केमिक अटैक और स्ट्रोक शामिल थे. शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑर्टिफिशियल स्वीटनर का सेवन कार्डियोवैस्कुलर बीमारी के बढ़ते जोखिम से जुड़ा था (उच्च उपभोक्ताओं में पूर्ण दर 346 प्रति 100, 000 व्यक्ति-वर्ष और गैर-उपभोक्ताओं में 314 प्रति 100, 000 व्यक्ति-वर्ष)