Ayurvedic herb – Brahmi
Ayurvedic herb – Brahmi असंतुलित ब्लड शुगर लेवल डायबिटीज, हाइपरग्लाइसेमिया और वजन बढ़ने का कारण है. अगर ब्लड नें शुगर का लेवल बहुत कम हो जाता है, या बहुत ज्यादा हो जाता है तो यह कई समस्याओं का जिम्मेदार बनता है. डायबिटीज का अगर समय पर निदान न किया जाए तो दिल का दौरा पड़ने का खतरा बढ़ सकता है. ऐसे में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने के लिए आपको जरूरी कदम उठाने चाहिए. ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित करने में आयुर्वेद अहम भूमिका निभाता है.
जादुई जड़ी-बूटी है ब्राह्मी
ब्राह्मी आयुर्वेद की जादुई जड़ी-बूटियों में से एक है जिसके अनगिनत स्वास्थ्य लाभ हैं. यह गीले, उष्णकटिबंधीय वातावरण में बढ़ता है, और पानी के नीचे पनपता है. इस जड़ी बूटी को बड़े पैमाने पर इसके एंटीहाइपरग्लाइसेमिक गुणों के लिए जाना जाता है और इसे टाइप-1 और टाइप-2 डायबिटीज रोगियों के लिए इस्तेमाल में लाया जाता है. कई शोध में खुलासा हुआ है कि ब्राह्मी का हरदिन सेवन डायबिटीज के खतरे को कम करता है. ये ब्लड शुगर लेवल को कम करने का काम भी करता है.
ब्लड शुगर लेवल मेनटेन रखती है ब्राह्मी
ब्राह्मी एंटीऑक्सिडेंट से भरपूर होता है जो आपके शरीर से रेडिकल्स और हानिकारक विषाक्त पदार्थों बाहर निकालता है. जब ऑक्सीडेटिव तनाव कम हो जाता है, तो यह दिल, लीवर और फेफड़ों के फंक्शन में सुधार करता है और ब्लड शुगर लेवल मेनटेन रखता है. जर्नल ऑफ केमिकल एंड फार्मास्युटिकल रिसर्च में पब्लिश शोध के मुताबिक ब्राह्मी ग्लाइकोसिलेटेड हीमोग्लोबिन के सामान्य स्तर को बनाए रखती है. इसके अलावा ब्राह्मी डिमेंशिया के जोखिम को भी कम करती है. यह किसी व्यक्ति के मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करता है.
ब्राह्मी के फायदे
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार, ब्राह्मी का उपयोग सदियों से आयुर्वेदिक चिकित्सकों द्वारा याददाश्त में सुधार, चिंता कम करने और मिर्गी के इलाज सहित कई बीमारियों के इलाज के लिए किया जाता रहा है. यह चिंता और तनाव को कम करने में भी उपयोगी है. आप इसका सेवन लिक्विड, कैप्सूल और पाउडर के फॉर्म में कर सकते हैं. एक दिन में एक एडल्ट व्यक्ति 300–450 मिलीग्राम ब्राह्मी का सेवन कर सकता है.