
Multinational बैंक बार्कलेज (Barclays) ने सोमवार को खुलासा किया कि उनके CEO सीएस वेंकटकृष्णन (CS Venkatakrishnan)नॉन-हॉजकिन लिंफोमा (non-Hodgkin lymphoma)से पीड़ित हैं, जो एक प्रकार का कैंसर है. बैंक ने बताया कि बिजनेस सर्किल में उन्हें वेंकट के रूप में जाने जाता है और वो जल्द ही इसका इलाज कराएंगे. उन्होंने कहा कि स्थिति उपचार योग्य है और वो उनके सीईओ बने रहेंगे और जब भी संभव होगा काम करेंगे.
एक नियामक फाइलिंग के अनुसार, डॉक्टरों ने बताया कि वेंकटकृष्णन अच्छा रेस्पॉन्स कर रहे हैं." उनका न्यूयॉर्क में इलाज होगा, जिसमें 12 से 16 सप्ताह का समय लगने की उम्मीद है.
क्या है non-Hodgkin lymphoma?
लिम्फोमा एक ऐसा कैंसर होता है जो सबसे पहले इम्यून सिस्टम के लिम्फोसाइट सेल्स में फैलता है. ये सेल्स यानी कोशिकाएं इंफेक्शन से लड़ती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करती हैं. ये कोशिकाएं लिम्फ नोड्स, बोन मैरो, स्प्लीन और थायमस में मौजूद होती हैं. लिम्फोमा कैंसर शरीर के अलग-अलग अंगों को प्रभावित करता है. इसमें लिम्फोसाइट्स पूरी तरह बदल जाते हैं और वे तेजी से बढ़ने लगते हैं.
लिंफोमा की एक सामान्य श्रेणी है (कैंसर जो लिम्फ नोड्स में शुरू होता है). नॉन-हॉजकिन लिंफोमा के तहत सबसे आम सबटाइप का फॉलिक्यूलर लिंफोमा हैं और बड़े बी-सेल लिंफोमा फैलाते हैं. चिकित्सा विज्ञान में प्रगति के साथ, कैंसर के प्रकार के अधिकांश मामले उपचार योग्य हैं. लिम्फोमा दो तरह का होता है- गैर हॉजकिन (Non-Hodgkin) और हॉजकिन (Hodgkin)इन दोनों ही कैंसरों में अलग-अलग लिम्फोसाइट्स शामिल होते हैं. इसके अलावा इन दोनों लिम्फोमा की ग्रोथ भी अलग-अलग तरह से होती है.
Non-Hodgkin lymphoma के कारण
नॉन-हॉजकिन लिंफोमा तब होता है जब शरीर बहुत अधिक असामान्य लिम्फोसाइट्स पैदा करता है. ये एक तरह की वाइट ब्लड शेल्स होती हैं. आमतौर पर, लिम्फोसाइट्स एक लाइफ साइकल से गुजरते हैं. पुराने लिम्फोसाइट्स मर जाते हैं और शरीर उन्हें बदलने के लिए नए बनाता है. लेकिन नॉन हॉजकिन लिंफोमा में, लिम्फोसाइट्स मरते नहीं हैं और आपका शरीर नए बनाता रहता है.
नॉन-हॉजकिन लिम्फोमा के लक्षण